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विश्व मुक्केबाजी कप : भारतीय मुक्केबाजों ने जीते 4 स्वर्ण पदक, मीनाक्षी, अरुंधति, प्रीति व नूपुर ने सिद्ध की श्रेष्ठता

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ग्रेटर नोएडा, 20 नवम्बर। मेजबान भारत की महिला मुक्केबाजों ने विश्व मुक्केबाजी कप फाइनल्स में श्रेष्ठता साबित करते हुए  देश के लिए चार स्वर्ण पदक जीते हैं। शहीद विजय सिंह पथिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में गुरुवार को खेले गए अलग-अलग भार वर्ग के फाइनल में महिला मुक्केबाजों – मीनाक्षी हुड्डा, प्रीति, अरुंधति  चौधरी व नूपुर ये स्वर्ण जीते।

मीनाक्षी ने 48 किलो वर्ग में दिलाया देश को पहला स्वर्ण

भारत के लिए दिन सबसे पहला स्वर्ण विश्व चैम्पियन मीनाक्षी हुड्डा ने जीता। उन्होंने 48 किग्रा फाइनल में फोजिलोवा फरजोना को 5-0 से हराया। जीत के बाद बेहद उत्साहित मीनाक्षी ने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं। मैं अपने कोच विजय हुड्डा को मेरा साथ देने के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं। मैं आईटीबीपी, साई, ओजीक्यू और बीएफआई को भी धन्यवाद देना चाहती हूं। घरेलू दर्शकों ने मेरा हौसला बढ़ाया। इससे मुझे स्वर्ण पदक जीतने में मदद मिली। फाइनल से पहले मैं नर्वस थी, लेकिन जब मैंने बड़ी संख्या में होम सपोर्टर्स को देखा तो मुझे मोटिवेशन मिला और मैंने बाउट 5-0 से जीत ली। यह मेरा सबसे अच्छा वर्ष है और मैं कड़ी मेहनत करते हुए देश को गर्व महसूस कराना चाहती हूं।’

प्रीति, अरुंधति व नूपुर ने भी दर्ज की एकतरफा खिताबी जीत

प्रीति ने महिलाओं के 54 किग्रा फाइनल में इटली की सिरीन चाराबी को 5-0 से हराया। अरुंधति चौधरी ने महिलाओं के 70 किग्रा फाइनल में उज्बेकिस्तान की जोकिरोवा अजीजा को 5-0 से हराया। नूपुर ने 80+ किग्रा फाइनल में उज्बेकिस्तान की सोटिम्बोएवा ओल्टिनोय पर 5-0 से जीत के साथ देश के लिए दिन का चौथा स्वर्ण जीता। लेकिन जदुमणि महिलाओं के 50 किग्रा फाइनल में उज्बेकिस्तान की असिलबेक जलीलोव से अपना फाइनल बाउट हार गईं।

अरुंधति चौधरी ने स्वर्ण जीतने के बाद कहा, ‘यह बहुत मुश्किल था। मैं इसे शब्दों में बयां भी नहीं कर सकती। पिछले डेढ़ साल से मैं बहुत ज्यादा तनव में थी। स्वर्ण पदक जीतकर अच्छा लग रहा है।’ नूपुर ने जीत के बाद मीडिया से बातचीत में कहा, ‘पिछली बार जब मैंने रजत पदक जीता था, उसी समय स्वर्ण पदक जीतने का दावा किया था। उस समय मुझे ट्रोल किया गया था, लेकिन मैंने अपना वादा पूरा कर दिया है।’

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