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बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल : बजरंग, साक्षी व दीपक की स्वर्णिम सफलताओं के बीच भारत ने कुश्ती में जीते छह पदक

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बर्मिंघम, 5 अगस्त। 22वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारोत्तोलन व मुक्केबाजी के बाद शुक्रवार को पहलवानों की बारी थी, जिन्होंने कुश्ती में भारत के लिए पदकों की बौछार कर दी। इस क्रम में बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और दीपक पूनिया की स्वर्णिम सफलताओं के बीच भारतीय मल्लों ने छह पदक जीते, जिनमें अंशु मलिक का रजत पदक शामिल रहा जबकि दिव्या काकरान और मोहित ग्रेवाल कांस्य हासिल करने में सफल रहे।

भारत 9 स्वर्ण सहित 26 पदकों के साथ तालिका में पांचवें स्थान पर पहुंचा

गौरतलब है कि भारतीय दल ने इस बार राष्ट्रमंडल खेलों की भारोत्तोलन स्पर्धा में तीन स्वर्ण, तीन रजत व चार कांस्य सहित कुल 10 पदक जीते हैं जबकि सात मुक्केबाज सेमीफाइनल में प्रवेश के साथ पदक दौड़ में शामिल हो चुके हैं।

अब कुश्ती में मिले छह पदकों (3-1-2) के साथ भारत के खाते में कुल 26 पदक आ चुके हैं, जिनमें नौ स्वर्ण, आठ रजत व नौ कांस्य शामिल हैं। इसके साथ ही भारतीय खेमा पदक तालिका में पांचवें स्थान पर जा पहुंचा है।

बजरंग पूनिया ने गोल्ड कोस्ट में जीते खिताब की रक्षा की

फाइनल मुकाबलों की बात करे तो कुश्ती में देश को पहला स्वर्ण बजरंग पूनिया ने दिलाया। विश्व चैंपियनशिप में तीन बार पदक जीत चुके बजरंग ने पुरुषों के 65 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग के फाइनल में कनाडा के लैचला मैक्लीन को 9-2 मात दी और 2018 के गोल्ड कोस्ट में जीते गए खिताब की रक्षा की।

टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता बजरंग ने पहले हाफ में चार अंक लिए। फिर दूसरे हाफ में मैक्लीन ने दो अंक लेकर वापसी की कोशिश की, लेकिन बजरंग ने और कोई मौका नहीं दिया।

साक्षी मलिक ने पिछड़ने के बाद शानदार वापसी की

बजरंग के बाद साक्षी मलिक का नंबर आया, जिन्होंने महिलाओं के 62 किलो भारवर्ग फाइनल में कनाडा की एना गोडिनेज गोंजालेज को बाय फॉल (By Fall) के जरिए 4-4 से मात दी। साक्षी मलिक एक समय 0-4 से पीछे चल रही थीं, लेकिन एक ही दांव में उन्होंने कनाडाई पहलवान को चित कर दिया।

वर्ष 2016 के रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर देश की पहली पदक विजेता महिला पहलवान का श्रेय अर्जित करने वालीं साक्षी का राष्ट्रमंडल खेलों में यह तीसरा पदक है। उन्होंने 2104 (58 किलो) में रजत और 2018 (62 किलो) में कांस्य पदक जीता था।

दीपक पूनिया ने पाकिस्तानी मल्ल को पटखनी देकर दिलाया तीसरा स्वर्ण

फाइनल मुकाबले में उतरे भारत के चौथे पहलवान दीपक पूनिया ने देश को तीसरा गोल्ड मेडल दिलाया, जब फ्रीस्टाइल कुश्ती के 86 किलो भारवर्ग के फाइनल मुकाबले में उन्होंने पाकिस्तानी रेसलर मोहम्मद इनाम को 3-0 से मात दी।

दीपक टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक मैच हारने के बाद पांचवां स्थान हासिल कर सके थे और 2022 की एशियाई चैंपियनशिप में भी कांस्य पदक जीतने के दौरान उनकी कमजोरी दिखी थी, लेकिन राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान वह प्रतिद्वंद्वी पहलवानों के मुकाबले काफी शक्तिशाली साबित हुए।

अंशु मलिक फाइनल में नहीं दिखा सकीं दमखम

हालांकि दिन का पहली फाइनल बाउट में उतरीं अंशु मलिक 57 किलो भारवर्ग के नाइजीरियाई ओडुनायो फोलासाडे के सामने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर सकीं और उन्हें 3-7 से हार का सामना करना पड़ा है।

वर्ष 2021 में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं अंशु ने आखिरी क्षणों में कुछ अंक जुटाकर वापसी की कोशिश की, लेकिन वह पर्याप्त नहीं था। अंततः अंशु को सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा। वहीं ओडुनायो का यह लगातार तीसरा गोल्ड मेडल रहा।

दिव्या ने लगातार दूसरी बार कांस्य पदक जीता

भारत को दोनों कांस्य पदक दिव्या काकरान व मोहित ग्रेवाल ने दिलाए, जिन्हें दिन में सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। दिव्या ने फ्रीस्टाइल के 68 किलो भारवर्ग के कांस्य पदक मुकाबले में टोंगा की टाइगर लिली कॉकर लेमाली को बाय फॉल (By Fall) के जरिए 2-0 से मात दी। दिव्या का इन खेलों में लगातार दूसरा कांस्य पदक है।

मोहित ने पदार्पण में ही जीता कांस्य

वहीं मोहित ग्रेवाल ने 125 किलोग्राम भारवर्ग में जमैका के एरॉन जॉनसन को बाय फॉल के ही जरिए 6-0 से रौंद डाला। मोहित का यह पहला राष्ट्रमंडल खेल है, जिन्होंने खुद को पदक सूची में शामिल कर लिया। इसके साथ ही बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का यह नौवां कांस्य व कुल 26वां पदक था।

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