Site icon hindi.revoi.in

भारत अब 14 अगस्त को मनाएगा ‘विभाजन विभीषका स्मृति दिवस’, पीएम मोदी बोले – भूल नहीं सकते बंटवारे का दर्द

Social Share
FacebookXLinkedinInstagramTelegramWhatsapp

नई दिल्ली14 अगस्त। केंद्र सरकार ने देश के बंटवारे के दौरान लाखों लोगों के संघर्ष और बलिदान को याद करने के लिए अब प्रति वर्ष 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यह घोषणा की और बंटवारे को लेकर अपनी भावनाएं व्यक्त की।

पीएम मोदी ने कहा, “देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और अपनी जान तक गंवानी पड़ी थी। उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है। यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी।”

उप महाद्वीप के साथ बंगाल का भी हुआ था विभाजन

गौरतलब है कि देश के इतिहास में 14 अगस्त की तारीख आंसुओं से लिखी गई है। यही वह दिन था, जब देश का विभाजन हुआ और 14 अगस्त,1947 को पाकिस्तान तथा 15 अगस्त, 1947 को भारत को एक पृथक राष्ट्र घोषित कर दिया गया। इस विभाजन में न केवल भारतीय उप-महाद्वीप के दो टुकड़े किए गए बल्कि बंगाल का भी विभाजन किया गया।

बंगाल के पूर्वी हिस्से को भारत से अलग कर पूर्वी पाकिस्तान बना दिया गया, जो 1971 के युद्ध के बाद बांग्लादेश बना। कहने को तो यह एक देश का बंटवारा था, लेकिन दरअसल यह दिलों का, परिवारों का, रिश्तों का और भावनाओं का बंटवारा था। भारत मां के सीने पर बंटवारे का यह जख्म सदियों तक रिसता रहेगा और आने वाली नस्लें तारीख के इस सबसे दर्दनाक और रक्तरंजित दिन की टीस महसूस करती रहेंगी।

बंटवारे के दौरान 13 लाख लोग मारे गए थे1.5 करोड़ लोग विस्थापित हुए थे

भारत के बंटवारे के समय करीब 90 लाख शरणार्थी पंजाब से पाकिस्तान गए थे। विभाजन के तीन वर्ष बाद 1950 तक उत्तर प्रदेश से चार हजार मुसलमान प्रतिदिन ट्रेन से पाकिस्तान जाते रहे। बंटवारे की त्रासदी का अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है कि उस दौरान 13 लाख लोग मारे गए थे और 1.5 करोड़ लोग विस्थापित हुए थे। इसी क्रम में 12.5 लाख शरणार्थी भारत में आए। एक अनुमान के अनुसार उस दौरान एक लाख महिलाओं के साथ रेप हुआ था।

.

Exit mobile version