नई दिल्ली, 24 दिसम्बर। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने सुरक्षा परिषद में निर्वाचित गैर-स्थायी सदस्य के रूप में भारत के सफल कार्यकाल और इस महीने इसकी उत्पादक अध्यक्षता की सराहना करते हुए कहा कि इसने बहुपक्षीय कूटनीति के उच्चतम मानकों का प्रदर्शन किया। भारत ने 2021-22 में परिषद के निर्वाचित सदस्य के रूप में अपने दो साल के कार्यकाल में दूसरी बार एक दिसम्बर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की मासिक अध्यक्षता ग्रहण की थी।
भारत ने इससे पहले अगस्त 2021 में UNSC की अध्यक्षता संभाली थी। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत रुचिरा कंबोज ने अवकाश सप्ताह से पहले दिसंबर के महीने के लिए लिए भारत की अध्यक्षता के तहत गुरुवार को यहां एक ब्रीफिंग में सुरक्षा परिषद के एजेंडे पर प्रकाश डाला। सुरक्षा परिषद के आने वाले सदस्यों सहित संयुक्त राष्ट्र के कई सदस्य देशों ने दिसंबर में अध्यक्ष के रूप में परिषद के भारत के नेतृत्व की सराहना की।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र संघ के 6 प्रमुख हिस्सों में से एक है। इसका मुख्य कार्य दुनियाभर में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र संघ में नए सदस्यों को जोड़ना और इसके चार्टर में बदलाव से जुड़ा काम भी सुरक्षा परिषद के काम का हिस्सा है। यह परिषद दुनियाभर के देशो में शांति मिशन भी भेजता है और अगर दुनिया के किसी हिस्से में मिलिट्री ऐक्शन की जरूरत होती है तो सुरक्षा परिषद रेजोल्यूशन के जरिए उसे लागू भी करता है।
संयुक्त राष्ट्र संघ की तरह इसका स्थापना भी द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुई। सुरक्षा परिषद की पहली बैठक 17 जनवरी 1946 को हुई थी। कोल्ड वार के कारण काफी समय तक सुरक्षा परिषद कमजोर रहा था। लेकिन कांगो वार और कोरियाई युद्ध के समय इसने अहम भूमिका निभाई थी। इसके अलावा कई देशों में जरूरत के मुताबिक शांति मिशन भी भेजे गए थे। सुरक्षा परिषद में 5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य होते हैं। अस्थायी सदस्यों का चुनाव हर दो वर्ष के बाद होता है।