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भारत ने रूस से कहा – अफगानिस्तान में आतंकवाद पर नियंत्रण पाकिस्तान की जिम्मेदारी

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नई दिल्ली, 9 सितम्बर। भारत ने कहा है कि संकटग्रस्त अफगानिस्तान में आतंकवाद पर नियंत्रण करना पाकिस्तान की विशेष जिम्मेदारी है और उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और भारत-विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए न किया जाए। देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने बुधवार की शाम यहां अपने रूसी समकक्ष जनरल निकोलाई पेत्रुशेव के साथ उच्चस्तरीय बैठक में यह बात कही।

बैठक के दौरान भारत ने रूस के सामने एक बार फिर पाकिस्तानी कारनामों की पोल खोली और बताया कि कैसे भारत विरोध आतंकी गुट जैसे लश्कर एक तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद के साथ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की सांठगांठ जारी है।

आईएसआई के तालिबान के साथ भी संबंध

भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि आईसआई के तालिबान के साथ भी संबंध हैं और ऐसे में पाकिस्तान की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि वह अफगानिस्तान में आतंकवाद को रोकने का काम करे। बीते कुछ हफ्तों में भारत ने कई बार कहा है कि अब पहली प्राथमिकता यह है कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल न कर सकें।

सूत्रों के अनुसार डोभाल-पेत्रुशेव वार्ता में दोनों पक्षों ने तालिबान शासित अफगानिस्तान से भारत, रूस और मध्य एशियाई क्षेत्र में किसी भी संभावित आतंकवादी गतिविधि से निबटने के लिए एक समन्वित दृष्टिकोण पर विचार-विमर्श किया।

बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद संभावित सुरक्षा प्रभावों के संबंध में अपने-अपने आकलन से एक-दूसरे को अवगत कराया तथा यह विचार किया कि किसी भी संभावित चुनौती का सामना करने के लिए किस प्रकार समन्वित दृष्टिकोण का पालन किया जा सकता है।

पेत्रुशेव ने पीएम मोदी व विदेश मंत्री जयशंकर से भी मुलाकात की

पेत्रुशेव ने डोभाल के साथ बैठक के बाद बुधवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से भी मुलाकात की। पीएम मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘ रूस की सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पेत्रुशेव से मिलकर प्रसन्नता हुई। उनकी यात्रा में दोनों पक्षों के बीच महत्वपूर्ण क्षेत्रीय विकास पर उपयोगी चर्चा की गई।’

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