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भुखमरी सूचकांक में भारत 6 पायदान फिसला, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका व नेपाल से भी नीचे 107वें स्थान पर

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नई दिल्ली, 15 अक्टूर। वैश्विक स्तर पर भारत के लिए अच्छी खबर नहीं है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 के आंकड़ों में भारत छह पायदान नीचे खिसककर 121 देशों में से 107वें स्थान पर पहुंच गया। हैरानी इस बात की है कि आर्थिक तंगी और भुखमरी झेल रहे पाकिस्तान और श्रीलंका भारत से काफी बेहतर रैंकिंग में हैं। भारत दक्षिण एशियाई देशों में से सिर्फ युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान से बेहतर है। इससे पहले भी साल 2021 में भारत की रैकिंग काफी पीछे (101) दिखाई गई थी। उस वक्त सरकार ने इन आंकड़ों को खारिज कर दिया था।

पड़ोसी देशों की बात करें तो पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार को क्रमशः 99, 64, 84, 81 और 71वां स्थान दिया गया है। हैरत की बात है ये सभी देश भारत से ऊपर हैं। पांच से कम स्कोर के साथ 17 देशों को सामूहिक रूप से 1 और 17 के बीच स्थान दिया गया है।

भुखमरी और महंगाई से पाक की हालत पस्त

ग्लोबल इंडेक्स की सूची पर अभी हालांकि भारत की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। लेकिन, इसमें हैरत की बात यह है कि विनाशकारी बाढ़ के बाद भयंकर महंगाई और भुखमरी झेल रहे पाकिस्तान को भारत से बेहतर स्थिति में दिखाया गया है। पाकिस्तान में बाढ़ एक तिहाई हिस्से को डुबा चुकी थी। लाखों की संख्या में लोग बेघर हो गए थे। लाखों की संख्या में लोगों की मौत हुई। दाने-दाने के मोहताज पाकिस्तान ने दुनिया से राशन की मदद मांगी थी।

इमरजेंसी झेल चुका श्रीलंका

दूसरी ओर भारत का एक और पड़ोसी देश श्रीलंका की हालत दुनियाभर में किसी से छिपी नहीं है। श्रीलंका में राष्ट्रपति के खिलाफ लोग सड़क पर उतर गए थे। राष्ट्रपति भवन पर कब्जा करके लोगों ने पीएम आवास में आग लगा ली थी। इस वक्त को कुछ वक्त ही बिता है जब श्रीलंका में दूध और फल जैसी जरूरी चीजें काफी महंगी हो गई थी। पेट्रोल के लिए लोग कई दिनों तक कतारों में नजर आए। उस वक्त भारत ने अच्छा पड़ोसी धर्म निभाते हुए श्रीलंका को राशन की खेप पहुंचाई और मदद मुहैया कराई। ग्लोबल हंगर इंडेक्स की सूची में श्रीलंका को भारत से बेहतर दिखाना बड़े सवाल खड़े करता है।

क्या है रैकिंग का आधार

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत से नीचे के देश हैं – जाम्बिया, अफगानिस्तान, तिमोर-लेस्ते, गिनी-बिसाऊ, सिएरा लियोन, लेसोथो, लाइबेरिया, नाइजर, हैती, चाड, डेम। कांगो के प्रतिनिधि, मेडागास्कर, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, यमन। रिपोर्ट में कहा गया है कि गिनी, मोजाम्बिक, युगांडा, जिम्बाब्वे, बुरुंडी, सोमालिया, दक्षिण सूडान और सीरिया सहित 15 देशों के लिए रैंक का निर्धारण नहीं किया जा सकता है।

विपक्षी दलों का केंद्र पर हमला

इस बीच विपक्ष के नेताओं ने केंद्र सरकार पर हमला करने के लिए रिपोर्ट का सहारा लिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार के आठ साल में 2014 के बाद से भारत का स्कोर खराब हुआ है। चिदंबरम ने एक ट्वीट में कहा, “हिंदुत्व, हिंदी थोपना और नफरत फैलाना भूख की दवा नहीं है।” चिदंबरम के बेटे और लोकसभा सदस्य कार्ति चिदंबरम ने ट्वीट किया, “भाजपा सरकार इसे खारिज कर देगी और अध्ययन करने वाले संगठन पर छापा मारेगी।”

‘आप’ ने भी साधा निशाना

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने के बारे में भाषण देती है लेकिन 106 देश “दिन में दो भोजन उपलब्ध कराने में हमसे बेहतर हैं।” उन्होंने हिंदी में एक ट्वीट में कहा, “भारत हर बच्चे को अच्छी शिक्षा दिए बिना नंबर-1 नहीं बन सकता।”

पिछली रिपोर्ट खारिज कर चुका है केंद्र

केंद्र सरकार ने पिछले साल की ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि प्रकाशन एजेंसियों ने सही तरीके से अपना काम नहीं किया। केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय ने एक बयान में कहा था, “यह चौंकाने वाला है कि ग्लोबल हंगर रिपोर्ट 20201 ने कुपोषित आबादी के अनुपात पर एफएओ अनुमान के आधार पर भारत के रैंक को नीचे कर दिया है, जो जमीनी हकीकत और तथ्यों से काफी अलग है।”

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