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UNSC में भारत ने फिर निभाई दोस्ती, निंदा प्रस्ताव पर वोटिंग से रहा दूर, रूस ने किया वीटो का इस्तेमाल

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वाशिंगटन, 1 अक्टूबर। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अमेरिका और अल्बानिया द्वारा एक प्रस्ताव पेश किया गया। इसमें रूस के अवैध जनमत संग्रह यूक्रेन के इलाकों पर रूसी कब्जे की निंदा की गई। इस प्रस्ताव में मांग की गई थी कि रूस अपने सैनिकों को यूक्रेन से तुरंत वापस बुला ले। इसके लिए यूएनएससी में वोटिंग भी हुई, लेकिन भारत ने इससे दूरी बना ली। भारत के साथ-साथ चीन ने भी वोटिंग से दूरी बनाकर एक हद तक रूस का साथ दिया।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 15 देशों को इस प्रस्ताव पर मतदान करना था, लेकिन रूस ने इसके खिलाफ वीटो का इस्तेमाल कर दिया। इस कारण प्रस्ताव पारित नहीं हो सका। इस प्रस्ताव के समर्थन में 10 देशों ने मतदान किया और चार देश मतदान में शामिल नहीं हुए। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने गुरुवार को कहा कि धमकी या बल प्रयोग से किसी देश द्वारा किसी अन्य देश के क्षेत्र पर कब्जा करना संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का उल्लंघन है।

संयुक्त राज्य अमेरिका और अल्बानिया द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर यूएनएससी में भारत का पक्ष रखते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने शांति, कूटनीति और संवाद की बात कही। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में हाल के घटनाक्रम से भारत बहुत परेशान है। बाद में उन्होंने कहा कि “स्थिति की समग्रता” को देखते हुए भारत वोटिंग से दूर रहा।

आपको बता दें कि दस देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। भारत के साथ, चीन, ब्राजील और गैबॉन ने वोटिंग में भाग नहीं लिया। रूस ने परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में इस प्रस्ताव को वीटो कर दिया। अमेरिका पहले कह चुका है कि वह इस मामले को महासभा में ले जाएगा।

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