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भारत ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 को किया खारिज, कहा – रिपोर्ट जमीनी हकीकत से अलग

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नई दिल्ली, 15 अक्टूबर। केंद्र सरकार ने शनिवार को वैश्विक भूख सूचकांक 2022 (ग्लोबल हंगर इंडेक्स) रिपोर्ट को खारिज कर दिया। ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत को 121 देशों में से 107 वें स्थान पर रखा गया है।

रिपोर्ट के अनुसार भारत में ‘चाइल्ड वेस्टिंग रेट’ (ऊंचाई के हिसाब से कम वजन) 19.3 प्रतिशत है, जो दुनिया के किसी भी देश से सबसे अधिक है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआई) वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर भूख को व्यापक रूप से मापने और ट्रैक करने का एक उपकरण है।

सूचकांक ‘भूख मापने का गलत तरीका है और ‘गंभीर कार्यप्रणाली मुद्दों’ से ग्रस्त

महिला और बाल विकास मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सूचकांक ‘भूख मापने का गलत तरीका’ है और ‘गंभीर कार्यप्रणाली मुद्दों’ से ग्रस्त है। मंत्रालय ने कहा कि सूचकांक की गणना के लिए उपयोग किए जाने वाले चार संकेतकों में से तीन बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित हैं, जो पूरी आबादी के प्रतिनिधि नहीं हो सकते। कुपोषित (पीओयू) आबादी के अनुपात का चौथा और सबसे महत्वपूर्ण संकेतक अनुमान 3000 के बहुत छोटे नमूने के आकार पर किए गए एक जनमत सर्वेक्षण पर आधारित है।

भारत की छवि को धूमिल करने के लिए एक निरंतर प्रयास फिर दिखाई दे रहा

केंद्र ने कहा कि एक ऐसे राष्ट्र के रूप में भारत की छवि को धूमिल करने के लिए एक निरंतर प्रयास फिर से दिखाई दे रहा है, जो अपनी आबादी की खाद्य सुरक्षा और पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है। मंत्रालय ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स को सालाना गलत सूचना देने वाला करार दिया।

केंद्र ने दावा किया कि रिपोर्ट न केवल जमीनी हकीकत से अलग है, बल्कि आबादी की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किए गए प्रयासों को, खासकर कोविड-19 महामारी के दौरान, जान बूझकर अनदेखा करती है।

गौरतलब है कि इंडेक्स में पड़ोसी देश पाकिस्तान (99), बांग्लादेश (84), नेपाल (81) और श्रीलंका (64) भारत के मुकाबले कहीं अच्छी स्थिति में हैं। एशिया में केवल अफगानिस्तान ही भारत से पीछे है और वह 109वें स्थान पर है।

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