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युद्ध की आशंका के बीच भारत सतर्क : विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों को लेबनान छोड़ने की दी सलाह

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नई दिल्ली, 26 सितम्बर। इजराइल और हिजबुल्ला के बीच आशंकित जंग को लेकर भारत सरकार भी अलर्ट मोड पर आ चुकी है। यही वजह है कि विदेश मंत्रालय ने एक एडजवाइजरी जारी कर अपने नागरिकों को लेबनान छोड़ने की सलाह दी है। साथ ही भारतीयों को लेबनान की यात्रा नहीं करने के लिए भी कहा गया है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि हाल ही में इजराइल और हिजबुल्ला के बीच जमकर एयर स्ट्राइक होनो के बाद इजराइल जल्द ही लेबनान पर आक्रमण की तैयारी कर रहा है।

बेरूत में भारतीय दूतावास ने जारी किया ईमेल आईडी व नंबर

बेरूत में भारतीय दूतावास की तरफ से जारी एडवाइजरी में कहा गया है, ‘लेबनान में पहले से मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को लेबनान छोड़ने की सलाह दी जाती है। जो किसी वजह से वहां रुके हुए हैं, उन्हें गंभीर सतर्कता बरतने, गतिविधियों को सीमित करने और बेरूत में भारतीय दूतावास के संपर्क में रहने की हिदायत दी जाती है।’ दूतावास की तरफ से ईमेल आईडी- cons.beirut@mea.gov.in और आपातकाल के लिए नंबर +96176860128 भी जारी किया गया है।

भारतीय दूतावास की वेबसाइट अनुसार मुल्क में करीब चार हजार भारतीय रहते हैं। इनमें से अधिकतर कम्पनियों में कर्मचारी हैं। वहीं, कुछ निर्माण और कृषि क्षेत्र में हैं। इससे पहले एक अगस्त को भी भारतीय दूतावास ने नागरिकों को लेबनान छोड़ने के लिए कहा था। दरअसल, तब हमास और हिजबुल्ला के नेताओं की मौत को लेकर क्षेत्र में तनाव बना हुआ था।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में इजराइली सेना प्रमुख हेरजी हलेवी ने सेना से कहा था कि लेबनान में जारी एयर स्ट्राइक्स हिजबुल्ला के इंफ्रास्ट्रक्चर को तबाह करना जारी रखेंगी। साथ ही उन्होंने जमीन पर भी बड़ी काररवाई के संकेत दिए थे।

बाइडेन भी जता चुके हैं युद्ध छिड़ने की आशंका

इस बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को कहा कि इजराइल और हिजबुल्ला के बीच तनाव बढ़ने के कारण बड़े पैमाने पर युद्ध छिड़ने की आशंका है। हालांकि उन्होंने उम्मीद जताई कि आगे रक्तपात को रोकने के लिए कोई रास्ता निकाला जा सकता है। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान के दौरान यह बात कही। बाइडेन का यह बयान लेबनान में इजराइल और ईरान समर्थित हिजबुल्ला आतंकवादियों के बीच कई दिनों से जारी गोलाबारी के बीच आई है। हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए हैं और पश्चिम एशिया में फिर से व्यापक युद्ध की आशंका पैदा हो गई है।

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