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विश्व मुक्केबाजी : भारत की निकहत जरीन का रजत पदक पक्का, 52 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल में

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इस्तांबुल, 18 मई। भारतीय मुक्केबाज निकहत जरीन यहां विश्व मुक्कबाजी चैम्पियनशिप में शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए 52 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल में जगह बनाने के साथ ही कम से कम रजत पदक पक्का कर लिया। लेकिन देश की दो अन्य मुक्केबाजों मनीषा मौन (57 किग्रा) और परवीन हुड्डा (63 किग्रा) को सेमीफाइनल में पराजय का सामना करना पड़ा। उन्हें अब कांस्य पदक से संतोष करना पड़ेगा।

पूर्व जूनियर विश्व चैंपियन जरीन सेमीफाइनल में ब्राजील की कैरोलिन डि एल्मीडा के खिलाफ पूरे मुकाबले के दौरान संयमित बनी रहीं और अपनी प्रतद्वंद्वी पर पूर्ण वर्चस्व दिखाते हुए 5-0 के सर्वसम्मत फैसले से एकतरफा जीत हासिल की।

मैरीकॉम सहित 4 मुक्केबाज भारत को दिला चुकी हैं स्वर्ण पदक

गौरतलब है कि छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरीकॉम, सरिता देवी, जेनी आरएल और लेखा सी. ऐसी भारतीय महिला मुक्केबाज हैं, जिन्होंने विश्व खिताब अपने नाम किये हैं। अब हैदराबाद की मुक्केबाज जरीन के पास भी इस सूची में शामिल होने का मौका है।

वर्ष 2006 में भारत ने जीते थे 4 स्वर्ण सहित 8 पदक

भारत का इस प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2006 में रहा है, जब देश ने चार स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य सहित आठ पदक जीते थे। पिछले चरण में चार भारतीय मुक्केबाज पदक के साथ लौंटी थीं, जिसमें मंजू रानी ने रजत पदक जीता था जबकि मैरीकॉम ने कांस्य पदक के रूप में आठवां विश्व पदक अपने नाम किया था।

मनीष और परवीन को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा

इस बीच दिन के अन्य दो भार वर्ग के सेमीफाइनल में भारतीय मुक्केबाजों को पराजय का सामना करना पड़ा। 57 किलो वर्ग में  मनीषा मनीषा को टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक इटली की इरमा टेस्टा के हाथों 0-5 से शिकस्त खानी पड़ी। वहीं 63 किलो वर्ग में आयरलैंड की एमी ब्रॉडहर्स्ट ने परवीन हुड्डा को 4-1 से हराया।

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