नई दिल्ली, 4 सितम्बर। भारत अपनी आजादी के 75वें वर्ष में उस ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, जिसके वह कभी अधीन था। अब सिर्फ अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी ही उससे आगे हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने यह अनुमान जताया है। इसके साथ ही एक रिपोर्ट में भारत के 2029 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाने की भी संभावना जताई गई है।
एक दशक पहले तक भारत बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के मामले में 11वें पायदान पर था जबकि ब्रिटेन पांचवें स्थान पर था। लेकिन अप्रैल-जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में रिकॉर्ड विस्तार होने से यह ब्रिटेन से आगे निकल गई है और ब्रिटेन छठे पायदान पर खिसक गया है। भारत के ब्रिटेन से आगे निकलने का अनुमान ब्लूमबर्ग की गणनाओं पर आधारित है जिसे उसने आईएमएफ के डेटाबेस और ऐतिहासिक विनिमय दरों के आधार पर तैयार किया है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में यह निष्कर्ष पेश करते हुए कहा गया, ‘समायोजित आधार पर और प्रासंगिक तिमाही के अंतिम दिन डॉलर विनिमय दर को ध्यान में रखते हुए मार्च में खत्म तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार ‘सांकेतिक’ नकदी के साथ 854.7 अरब डॉलर था। इसी पैमाने पर ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था का आकार 816 अरब डॉलर था।’
2021 में ही भारत ने ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया था!
दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था भारत के अगले कुछ वर्षों में ब्रिटेन को और भी पीछे छोड़ देने की संभावना है। इस बीच, एसबीआई के अर्थशास्त्रियों के एक ‘नोट’ में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था दिसंबर 2021 में ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई थी। ‘नोट’ में कहा गया है, ‘(भारत) अब पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। दिलचस्प बात यह है कि भारत ने दिसम्बर 2021 की शुरुआत में ही ब्रिटेन को 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में पीछे छोड़ दिया था, न कि हाल ही में जैसा कि दावा किया जा रहा है।’
जर्मनी-जापान को 2029 तक पीछे छोड़ देगा भारत
एसबीआई में समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने अपने रिसर्च नोट में कहा है, ‘2014 के बाद से भारत द्वारा अपनाए गए रास्ते से पता चलता है कि यह 2029 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। भारत को 2027 में जर्मनी से आगे निकल जाना चाहिए और सबसे अधिक संभावना है कि विकास की मौजूदा दर पर 2029 तक जर्मनी और जापान पीछे छूट जाएंगे।’
उदय कोटक बोले – ‘अभी हमें लंबी दूरी तय करनी है…आइए इसके लिए तैयार रहते हैं‘
कोटक महिंद्रा बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी उदय कोटक ने एक ट्वीट में कहा, ‘दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में अपने औपनिवेशिक शासक ब्रिटेन को पीछे छोड़ना भारत के लिए गर्व की बात है। ब्रिटेन की 3,200 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के मुकाबले भारत की अर्थव्यवस्था 3,500 अरब डॉलर की है। लेकिन जनसंख्या के लिहाज से देखें तो भारत की 1.4 अरब आबादी की तुलना में ब्रिटेन की जनसंख्या 6.8 करोड़ है। प्रति व्यक्ति जीडीपी हमारे 2,500 डॉलर की तुलना में वहां 47,000 डॉलर है। अभी हमें लंबी दूरी तय करनी है…आइए इसके लिए तैयार रहते हैं।’
Proud moment for India to pip UK, our colonial ruler, as the 5th largest economy: India $3.5trn vs UK $3.2trn.But a reality check of population denominator: India: 1.4 bn vs UK.068 bn.Hence,per capita GDP we at $2,500 vs $47,000. We have miles to go…Let’s be at it!
— Uday Kotak (@udaykotak) September 3, 2022
भारत की जनसंख्या ब्रिटेन की आबादी की 20 गुना होने से यहां का प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) भी कम है। वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा, ‘हम अभी-अभी ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए हैं। भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए यह कितना प्रभावशाली पड़ाव है। अगले कुछ वर्षों में हम शीर्ष तीन में शामिल होंगे।’
रिपोर्ट के अनुसार मार्च तिमाही के बाद से ब्रिटेन में गिरावट हुई है। दूसरी तिमाही में इसका सकल घरेलू उत्पाद नकद रूप में 1% बढ़ा और मुद्रास्फीति के समायोजन के बाद 0.1% सिकुड़ गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्टर्लिंग ने भी रुपये और डॉलर के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया है। इस साल रुपये के मुकाबले पाउंड में 8% की गिरावट आई है।
भारत की जीडीपी अप्रैल-जून 2022 की तिमाही में 13.5 फीसदी की दर से बढ़ी है जो एक साल में सबसे तेज रफ्तार है। इसके साथ ही भारत एक बार फिर दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन गया है। हालांकि बढ़ती ब्याज लागत और विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मंदी की आहट से आगामी तिमाहियों में वृद्धि की रफ्तार मंद पड़ने का खतरा मंडरा रहा है।