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बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत सबसे तेजी से वृद्धि कर रहा है: सीतारमण

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नई दिल्ली, 23 अप्रैल। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को वाशिंगटन में कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि इस वर्ष मजबूत है और बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत सबसे तेजी से वृद्धि कर रहा है। सीतारमण ने कहा कि इससे भारतीय अर्थव्यवस्थाओं की मजबूती और देश में आर्थिक परिस्थितियों में अच्छे सुधार की झलक मिलती है। वह विश्व बैंक की विकास समिति की 105वीं बैठक में भाग ले रही थीं। वित्तमंत्री ने बैठक में वित्तीय संकट से गुजर रहे श्रीलंका को मदद दी जाने का मुद्दा भी जोरशोर से उठाया। उन्होंने विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास से मुलाकत में भी श्रीलंका को संकट से उबरने में मदद किए जाने के मुद्दे पर बात की।

नयी दिल्ली में वित्त मंत्रालय के विज्ञप्ति के अनुसार, वित्त मंत्री ने विश्व बैंक की बैठक में कहा कि भारत ने कोविड महामारी का सशक्त तरह से सामना किया। देश में कोविड टीककारण अभियान ने उल्लेखनीय प्रगति की है और 1.85 अरब डोज टीके लगाए जा चुके हैं। उन्होंने इस अवसर पर भारत में टीकाकरण के लिए तैयार किए गए डिजीटल नेटवर्क कोविड वैक्सीन इंटेलीजेंस नेटवर्क (कोविन) प्लेटफॉर्म को सभी देशों को उपलब्ध कराने के स्वच्छ प्रस्ताव का भी उल्लेख किया। इस संबंध में उन्होनें कहा कि भारत लोक सुविधा वाले अपने दूसरे डिजिटल मंचो को अन्य देशों में अपनाए जाने के लिए भी उनकी मदद करने को तैयार हैं।

उन्होंने कहा कि जांचे ,परखें और आवश्कता के अनुसार विस्तृत किए जाने योग्य डिजिटल मंचो का दूसरे जगहों पर भी प्रयोग लाभदायक है वित्त मंत्री ने बैठक का ध्यान श्रीलंका में इस समय उत्पन्न अभूतपूर्ण वित्तीय संकट की ओर आकृष्ट। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सदस्य देश श्रीलंका को संकट से उबारने के लिए निर्णायक सहायता दिए जाने का फैसला करेंगे। सीतारमण ने विश्व बैंक के अध्यक्ष मालपास से मुलाकात की और उनके साथ श्रीलंका के संकट और भारत में बुनियादी ढांचे के विकास के वृहद योजना पर भी चर्चा की।

दोनों के बीच भारत में कोविड महामारी के बाद स्थितियों में सुधार, रूस, यूक्रेन युद्ध के प्रभाव भारत के आने वाले दिनों में जी20 समूह की अध्यक्षता संभालने तथा भारत में विश्व बैंक के स्थानीय नेतृत्व के विषय में चर्चा की। वित्त मंत्रालय के बयान के मुताबिक सीतारमण ने विश्व बैंक के अध्यक्ष के साथ बातचीत में हाल की भू-राजनीतिक घटनाओं से विश्व की आर्थिक दशा में सुधार के लिए संकट पर चिंता जताई। वित्त मंत्री ने कहा कि अनिश्चितताओं के इस दौर में बहुपक्षीय व्यवस्था का महत्व और भी बढ़ गया है।

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