नई दिल्ली, 8 जनवरी। बांग्लादेश की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का राजनयिक पासपोर्ट भले ही रद कर दिया, लेकिन भारत सरकार ने उन्हें राहत प्रदान करते हुए उनके वीजा की अवधि बढ़ा दी है, ताकि पूर्व बांग्लादेशी पीएम के भारत प्रवास में कोई अड़चन न हो।
उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में पिछले वर्ष हुए सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के बीच 77 वर्षीय शेख हसीना ने पांच अगस्त, 2024 को देश छोड़कर भारत आ गई थीं और तभी से वह दिल्ली में रह रही हैं।
उधर बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अगुआई में अंतरिम सरकार पिछले कुछ दिनों से शेख हसीना की स्वदेश वापसी के लिए लगातार दबाव बना रही है। यहां तक कि यूनुस सरकार ने एक दिन पहले ही हसीना के खिलाफ दूसरी बार गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। इसी क्रम में उनका पासपोर्ट भी रद कर दिया गया। यही वजह है कि भारत सरकार ने उनकी वीजा अवधि बढ़ाने का फैसला किया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शेख हसीना का वीजा विदेश मंत्रालय की ओर से बढ़ाया गया है। इसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय की अनुमति भी शामिल थी, जिसमे अधिकारियों ने ये साफ किया है कि भारत ने हसीना को शरण नहीं दी, क्योंकि भारत में शरणार्थियों से संबंधित कोई खास कानूनी प्रावधान नहीं है।
दिलचस्प यह है कि बांग्लादेश सरकार ने भारत से शेख हसीना की वापसी की मांग की है, लेकिन भारत ने अब तक इस पर कोई जवाब नहीं दिया है। बांग्लादेश ने 23 दिसम्बर को भारत से एक नोट वर्बल भेजा था, लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
बांग्लादेश का कहना है कि उसके पास कोई समय सीमा नहीं है, लेकिन वह लगातार हसीना की वापसी के लिए दबाव डालते रहेंगे। फिलहाल भारत सरकार के इस फैसले से बांग्लादेश में पहले से ही चल रहे राजनीतिक विवाद और अधिक गहरा सकते हैं। यह कदम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन सकता है।