नई दिल्ली, 11 अक्टूबर। भारत ने UN पोस्ट यानी ब्लू लाइन पर बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंता जताई है। दरअसल, दक्षिणी लेबनान में संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के तीन अड्डों पर इजराइली सेना ने गोलीबारी की, जिस वजह से शांति सैनिक लेबनान में फंस गए। ब्लू लाइन पर भारतीय सेना के भी 600 जवान तैनात हैं।
इजराइली गोलीबारी के कारण लेबनान में फंस गए शांंति सैनिक
विदेश मंत्रालय (MEA) ने ब्लू लाइन एशिया के कुछ हिस्सों में सुरक्षा को लेकर चिंता जारी है। एक बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘नई दिल्ली स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए है। हम ब्लू लाइन पर बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंतित हैं। हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं।’
‘सैनिकों की सुरक्षा को लेकर उठाए जाएं सख्त कदम‘
विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया, ‘सभी को UN बिल्डिंग की पवित्रता का सम्मान करना चाहिए और UN शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए।’ बयान में आगे आरोप लगाया गया है, ‘पिछले दिनों में हमने नकौरा और अन्य क्षेत्रों में इजराइल से लेबनान में घुसपैठ देखी है। इजराइल रक्षा बल (आईडीएफ) के सैनिक लेबनान में हिजबुल्लाह तत्वों के साथ भिड़ गए हैं।’
लेबनान को गोलान हाइट्स से अलग करती है ब्लू लाइन
ज्ञातव्य है कि 120 किलोमीटर की ब्लू लाइन संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त सीमांकन रेखा है, जो दर्शाती है कि इजराइल ने दक्षिणी लेबनान से अपनी सेना वापस ले ली है। यह लेबनान को इजराइल और गोलान हाइट्स से अलग करती है, लेकिन यह आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय सीमा नहीं है।
वहीं लेबनान में संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन, ‘लेबनान में संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफआईएल) ने 10 अक्टूबर को एक बयान में कहा था कि ‘ब्लू लाइन पर हालिया बढ़ोतरी दक्षिण लेबनान में कस्बों और गांवों के व्यापक विनाश का कारण बन रही है।’