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भारत में साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी पर सख्ती – अब रियल-टाइम डेटा से होगी ठगी की तुरंत पहचान

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नई दिल्ली 25 सितम्बर। देश में बढ़ते साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। इस क्रम में दूरसंचार विभाग (DoT) और वित्तीय खुफिया इकाई-भारत (FIU-IND) के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके तहत अब संदिग्ध वित्तीय लेन-देन से जुड़ी जानकारियां रियल-टाइम में साझा की जाएंगी। इस व्यवस्था से साइबर ठगी और ऑनलाइन वित्तीय अपराधों की पहचान तुरंत हो सकेगी और समय रहते काररवाई संभव होगी।

दूरसंचार विभाग और वित्तीय खुफिया इकाई-भारत के बीच समझौता

इस साझेदारी के तहत बैंकों और वित्तीय संस्थानों से आने वाले संदिग्ध लेन-देन का डेटा DoT के पास जाएगा और इसे टेलीकॉम कम्पनियों से मिलान कर धोखाधड़ी करने वालों की पहचान की जाएगी। इससे मोबाइल नंबर और बैंक खातों का इस्तेमाल कर किए जाने वाले अपराधों पर सीधा प्रहार होगा।

इस कदम से देशभर में डिजिटल लेन-देन और सुरक्षित हो सकेगी

सरकार का मानना है कि इस कदम से देशभर में डिजिटल लेन-देन को और सुरक्षित बनाया जा सकेगा और आम जनता का भरोसा मजबूत होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि साइबर अपराधी अक्सर फर्जी सिम कार्ड और बैंक खातों का इस्तेमाल कर लोगों को ठगते हैं, ऐसे में दोनों विभागों के बीच रियल-टाइम डेटा साझाकरण से उनकी योजनाओं को तुरंत विफल किया जा सकेगा।

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