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भारत और डेनमार्क की यूक्रेन में तत्काल युद्ध रोकने और समस्या के कूटनीतिक हल की अपील

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कोपेनहेगन (डेनमार्क), 3 मई। भारत और डेनमार्क ने यूक्रेन में जारी युद्ध तत्काल रोकने और समस्या के समाधान के लिए बातचीत व कूटनीति अपनाने की दोनों पक्षों से अपील की है। मंगलवार को जर्मनी से डेनमार्क की दो दिवसीय यात्रा पर यहां आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेनिस समकक्ष मेटे फ्रेडरिक्सन के साथ दिपक्षीय वार्ता के उपरांत संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही।

डेनिस पीएम फ्रेडरिक्सन की ओर से भी जारी बयान के अनुसार दोनों देशों के बीच यूक्रेन में युद्ध के बारे में भी बातचीत हुई। फ्रेडरिक्सन ने कहा, ‘ हमने डीके और यूरोपीय संघ की स्थिति को स्पष्ट किया और हम चाहते हैं कि भारत पुतिन के साथ अपने प्रभाव का उपयोग करे।’

पीएम मोदी और फ्रेडरिक्सन ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता के दौरान अपने शिष्टमंडलों की अगुआई की। इस वार्ता में दोनों देशों के बीच हरित रणनीतिक साझेदारी (ग्रीन स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप) में प्रगति की समीक्षा की गई। साथ ही द्विपक्षीय संबंधों के अन्य पहलुओं की भी समीक्षा की गई।

पीएम मोदी की यह पहली डेनमार्क यात्रा है। इसके पहले उन्होंने पिछले अक्टूबर में फ्रेडरिक्सन की मेजबानी की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,  ‘भारत-डेनमार्क हरित रणनीतिक साझेदारी सितंबर, 2020 में एक डिजिटल सम्मेलन के दौरान शुरू हुई थी। यह साझेदारी अक्टूबर, 2021 में प्रधानमंत्री फ्रेडेरिक्सेन की भारत यात्रा के दौरान एक परिणामोन्मुखी पंचवर्षीय कार्ययोजना में बदली थी। आज की चर्चा के दौरान हमने ज्वॉइंट वर्कप्लान की समीक्षा की और पाया कि इस दौरान रिन्यूअल एनर्जी, स्वास्थ्य, पोर्ट्स व शिपिंग आदि क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।

डेनिस पीएम फ्रेडरिक्सन ने भी हरित रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने पर उपयोगी चर्चा के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, ‘हरित ऊर्जा का तेजी से बढ़ना हमारी जलवायु और हमारी सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।’

भारत में डेनमार्क की 200 से अधिक कम्पनियां कार्यरत

गौरतलब है कि भारत में डेनमार्क की 200 से अधिक कम्पनियां ‘मेक इन इंडिया, जल जीवन मिशन, डिजिटल इंडिया और अन्य प्रमुख राष्ट्रीय मिशनों’ को आगे बढ़ाने में सक्रिय हैं। डेनमार्क में 60 से अधिक भारतीय कम्पनियां द्विपक्षीय कारोबारी संबंधों को मजबूत कर रही हैं, जिनमें मुख्य रूप से आईटी क्षेत्र की कम्पनियां शामिल हैं।

पीएम मोदी इस यात्रा में क्वीन मारग्रेथ द्वितीय से भी मिलेंगे। वह ‘भारत-डेनमार्क बिजनेस राउंडटेबल’ में भाग लेंगे और डेनमार्क में रहने वाले भारतवंशी समुदाय के साथ भी चर्चा करेंगे। डेनमार्क में भारतीय मूल के करीब 16,000 लोग रहते हैं।

भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे

प्रधानमंत्री बुधवार को डेनमार्क, आइसलैंड, फिनलैंड, स्वीडन और नॉर्वे के प्रधानमंत्रियों के साथ दूसरे भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे, जहां वे 2018 में हुए पहले भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के बाद से हुए सहयोग की समीक्षा करेंगे। सम्मेलन में आर्थिक साझेदारी, हरित साझेदारी और आर्कटिक क्षेत्र में गतिशीलता एवं सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। नॉर्डिक देशों के साथ भारत का व्यापार पांच अरब डॉलर से अधिक का है।

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