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गुजरात : 2017 में गैर कानूनी सभा करने के दोषी विधायक जिग्रेश मेवाणी सहित 10 को तीन माह की सजा

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मेहसाणा, 5 मई। गुजरात के मेहसाणा की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने गुरुवार को वडगाम के विधायक जिग्नेश मेवाणी और नौ अन्य को पुलिस की अनुमति के बिना जुलाई, 2017 में मेहसाणा शहर में रैली करने के लिए उनके खिलाफ दर्ज गैर कानूनी सभा के आपराधिक मामले में दोषी ठहराया।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सभी दोषियों को तीन महीने की कैद और एक-एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है। दोषी ठहराए गए आरोपितों में मेवाणी के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की नेता रेशमा पटेल भी शामिल हैं।

अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जे.ए. परमार की अदालत ने इस बाबत फैसला सुनाते हुए कहा कि रैली करना अपराध नहीं है, लेकिन बिना अनुमति के रैली करना अपराध है। अदालत ने यह भी कहा कि अवज्ञा को कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

मेवाणी ने सहयोगियों के साथ मेहसाणा से धनेरा तक किया था आजादी कूच का नेतृत्व

उल्लेखनीय है कि 12 जुलाई, 2017 को ऊना में कुछ दलितों की सार्वजनिक पिटाई के एक साल पूरा होने पर मेवाणी और उनके सहयोगियों ने मेहसाणा से पड़ोसी बनासकांठा जिले के धनेरा तक एक ‘आजादी कूच’ का नेतृत्व किया था।

मेवाणी के सहयोगियों में से एक कौशिक परमार ने मेहसाणा के कार्यकारी मजिस्ट्रेट से मेवाणी द्वारा स्थापित एक संगठन, राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के बैनर तले रैली की अनुमति मांगी थी और इसे शुरू में अनुमति दी गई थी। हालांकि बाद में प्रशासन ने इसे रद कर दिया, लेकिन आयोजकों ने रैली निकाली।

10 आरोपितों को दोषी ठहराने का फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि कार्यकारी मजिस्ट्रेट के आदेश को आरोपित उपयुक्त उच्च अधिकारियों के समक्ष चुनौती दे सकते थे और फिर उचित अनुमति मिलने के बाद रैली कर सकते थे।

कन्हैया कुमार भी आरोपितों में शामिल, उनपर अलग से चलाया जाएगा मामला

रैली में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार भी शामिल थे, जो अब कांग्रेस का हिस्सा हैं। वह भी इस मामले के आरोपितों में से एक हैं। हालांकि, सुनवाई के दौरान मौजूद न रहने कारण कुमार के खिलाफ अलग से मामला चलाया जाएगा।