नई दिल्ली, 25 जून। लोकसभा अध्यक्ष के लिए बुधवार को पूर्वाह्न 11 बजे होने वाले चुनाव के मद्देनजर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अपने सभी लोकसभा सदस्यों को 26 जून को सदन में उपस्थित रहने के लिए ह्विप जारी किया है। 1952 व 1976 के बाद भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में यह तीसरा मौका होगा, जब सहमति नहीं बन पाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव कराया जा रहा है।
एनडीए के उम्मीदवार ओम बिरला तो कांग्रेस ने के. सुरेश को उतारा
उल्लेखनीय है कि लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच कोई सहमति इसलिए नहीं बन सकी कि विपक्षी गठबंधन डिप्टी स्पीकर का पद लेने पर अड़ गया। अंततः भाजपा की अगुआई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए कोटा से भाजपा सांसद ओम बिरला को उम्मीदवार घोषित कर दिया। वह 2019 से 2024 तक लोकसभा के स्पीकर रहे हैं। वहीं विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की ओर से कांग्रेस ने आठ बार के सांसद के. सुरेश को उम्मीदवार बनाया है।
फिलहाल एनडीए के उम्मीदवार ओम बिरला मजबूत स्थिति में हैं और उनकी जीत तय प्रतीत हो रही है क्योंकि भाजपा के ही 240 सहित एनडीए के 293 सांसदों का उन्हें समर्थन है। इनके अलावा कुछ निर्दलीय और अन्य छोटे दलों के सांसदों का भी उन्हें समर्थन मिल सकता है। दूसरी ओर विपक्ष के उम्मीदवार तिरुवनंतपुरम जिले की मावेलीक्करा लोकसभा सीट से सांसद के. सुरेश के समर्थन में कांग्रेस के 98 सहित करीब 234 सांसद हैं।
TMC ने गठबंधन को दिया झटका, कहा – एकतरफा फैसला लिया गया
फिलहाल के. सुरेश नामांकन के कुछ घंटे बाद ही विपक्षी गठबंधन को झटका लगा, जब गठबंधन का हिस्सा रही ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने इस पर अलग रुख अपनाने के संकेत दे दिए। ममता बनर्जी के सांसद भतीजे अभिषेक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह एकतरफा फैसला है।
अभिषेक बनर्जी ने कहा, ‘हमसे इस बारे में कोई संपर्क नहीं किया गया। इसके बारे में कोई चर्चा नहीं की गई। दुर्भाग्य से यह एकतरफा फैसला लिया गया है।’ टीएमसी के इस रुख से विपक्ष के सामने वोटिंग से पहले ही मुश्किल खड़ी हो गई है। अब यदि टीएमसी ने भी वोटिंग में I.N.D.I.A. ब्लॉक का साथ नहीं दिया तो उसे करारा झटका लगेगा।
बिरला लगातार दूसरी बार स्पीकर बनने वाले तीसरे नेता होंगे
फिलहाल ओम बिरला की जीत हुई तो वह दूसरी बार स्पीकर बनने के साथ ही ऐसे तीसरे व्यक्ति बन जाएंगे, जो लगातार दूसरी बार चुने गए हैं। उनसे पहले बलराम जाखड़ कुल नौ वर्षों तक स्पीकर रहे हैं जबकि गुरदयाल सिंह ढिल्लो 1970 से 1975 के दौरान लगातार छह वर्षों तक लोकसभा के स्पीकर रहे थे।
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान सुमित्रा महाजन स्पीकर थीं। इसके बाद 2019 में ओम बिरला को मौका मिला था। अब वह दोबारा स्पीकर बन रहे हैं। यदि ओम बिरला पूरे पांच वर्ष तक स्पीकर रहते हैं तो वह भी एक रिकॉर्ड होगा। अब तक किसी स्पीकर का कार्यकाल 10 वर्ष तक का नहीं रहा है।