वाराणसी, 22 अक्टूबर। वाराणसी में जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सील वुजूखाने में शिवलिंग जैसी आकृति को छोड़ शेष अन्य भाग का एएसआई सर्वे कराने की मांग वाली हिन्दू पक्ष की अर्जी शनिवार को खारिज कर दी।
अदालत ने अपने पांच पेज के आदेश में कहा कि शिवलिंग जैसी आकृति की सुरक्षा को लेकर निचली अदालत के आदेश को हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने मामूली संशोधनों के साथ बरकरार रखा था। इन परिस्थितियों में एएसआई को उस क्षेत्र का सर्वेक्षण करने का निर्देश देना उचित नहीं है।
न्यायालय ने 21 जुलाई के आदेश के तहत भी उक्त स्थान को सर्वेक्षण से बाहर रखा है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के तहत विधिवत संरक्षित क्षेत्र का सर्वेक्षण नहीं किया जाना चाहिए। यह उच्चतम न्यायालय के पारित आदेश का उल्लंघन हो सकता है।
जिला व सत्र न्यायालय के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट जाने की तैयारी
उधर, वादी अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने कहा कि जिला व सत्र न्यायालय के आदेश के खिलाफ वह हाई कोर्ट में अपील करेंगे। जिला जज की अदालत में 29 अगस्त को श्रृंगार गौरी केस की मुख्य वादी राखी सिंह की तरफ से अधिवक्ता सौरभ तिवारी, मानबहादुर सिंह और अनुपम द्विवेदी ने वुजूखाने के एएसआई सर्वेक्षण की मांग की थी।
‘सुप्रीम कोर्ट के आदेश के परे नहीं जा सकते’
श्रृंगार गौरी केस की मुख्य वादी राखी सिंह की तरफ से अधिवक्ताओं का कहना था कि वुजूखाना, परिसर का महत्वपूर्ण भाग है। इसलिए उसके सर्वेक्षण से परिसर की ऐतिहासिकता और प्राचीनता की वास्तविक जानकारी पता लगाई जा सकती है।
उधर, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने अधिवक्ता एकलाख, रईस अहमद व तौहीद खान के जरिए पांच अक्तूबर को लिखित आपत्ति दाखिल कर कहा कि 17 मई, 2022 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत वुजूखाना संरक्षित व सील है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के परे वुजूखाने के एएसआई सर्वे के लिए आदेश नहीं दिया जा सकता।