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कोरोना के पहले चरण में 12 लाख लोगों ने तोड़ा था दम? स्वास्थ्य मंत्रालय ने खारिज की एडवांस साइंस पब्लिकेशन की रिपोर्ट

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नई दिल्ली, 20 जुलाई। वैश्विक कोरोना महामारी के पहले चरण यानी वर्ष 2020 में भारत में 12 लाख लोगों की मौत हुई थी। यह दावा एडवांस साइंस पब्लिकेशन की एक रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि यह आंकड़ा 2020 के भारत सरकार के आंकड़ों से आठ गुना ज्यादा है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इस रिपोर्ट को भ्रामक करार देते हुए इसे पूरी तरह खारिज कर दिया है।

दरअसल, एडवांस साइंस पब्लिकेशन 19 जुलाई को एक रिसर्च रिपोर्ट प्रकाशित की। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2020 में कोरोना के पहले चरण के दौरान भारत में 12 लाख मौतें हुई थीं जबकि भारत सरकार के अनुसार 2020 में कोरोना से करीब एक लाख 48 हजार लोगों की ही मौत हुई थी।

एडवांस साइंस पब्लिकेशन की रिपोर्ट में दिए गए आंकड़े विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों से भी डेढ़ गुना ज्यादा हैं। इसमें यह भी दावा किया गया है कि कोरोना का असर पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में देखा गया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एक तरफ पुरुषों की औसत जीवन दर 2.1 वर्ष जबकि महिलाओं की तीन वर्ष कम हुई।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने रिपोर्ट के आंकड़ों को बताया भ्रामक

स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस रिपोर्ट के आंकड़ों को भ्रामक करार दिया है। मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि यह रिपोर्ट अपुष्ट और अस्वीकार्य अनुमानों पर आधारित है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में कोरोना के पहले फेज और 2021 में डेल्टा वेव के साथ आए दूसरे फेज के बाद देश में महामारी की वजह से 4.81 लाख लोगों की मौत हुई।

WHO के डेटा को भी किया खारिज

केंद्र सरकार ने पूर्व में WHO के आंकड़ों को भी खारिज कर दिया था। सरकार ने कहा था कि डेटा हासिल करने का UN का मॉडल गलत है और यह भारत पर सही तरह से लागू नहीं हो सकता। WHO ने अपनी रिपोर्ट में इन आंकड़ों को गलत बताते हुए दावा किया था कि भारत में असल में 20-65 लाख लोगों की मौत हुई थीं, जो पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा थी।

NIHR डायरेक्टर ने WHO के आंकड़ों को बताया सही

वहीं, सेंटर फॉर ग्लोबल हेल्थ रिसर्च (NIHR) के निदेशक प्रभात झा ने भी WHO के आंकड़ों को सही ठहराया है। उन्होंने बताया, ‘हमने जो डेटा हासिल किया था, उसके मुताबिक भारत में कोविड-19 की वजह से करीब 40 लाख लोगों की मौत हुई थी। इनमें से 30 लाख मौतें डेल्टा वेव की वजह से हुईं।