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दिल्ली ब्लास्ट केस : पुलिस ने निजी अस्पतालों से मांगी विदेश से पढ़कर आए डॉक्टरों की जानकारी

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नई दिल्ली, 29 नवम्बर राष्ट्रीय जांच एजेंसियों ने दिल्ली ब्लास्ट मामले में जांच तेज कर दी है। इस क्रम में दिल्ली पुलिस ने शहर के सभी निजी अस्पतालों को नोटिस जारी कर उन डॉक्टरों की जानकारी मांगी है, जिन्होंने विदेश से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की है और वर्तमान में दिल्ली में प्रैक्टिस कर रहे हैं।

पाकिस्तान, बांग्लादेश, यूएई व चीन से पढ़कर आए डॉक्टरों पर विशेष निगाह

पुलिस ने खासतौर पर पाकिस्तान, बांग्लादेश, यूएई और चीन से एमबीबीएस करने वाले डॉक्टर्स के बारे में जानकारी मांगी है। अधिकारियों का कहना है कि यह कदम सुरक्षा के मद्देनजर उठाया गया है। इसके तहत अस्पताल प्रशासन को अपने यहां काम कर रहे विदेश से प्रशिक्षित डॉक्टरों की डिटेल पुलिस को उपलब्ध करानी होगी।

शोएब 10 दिनों की एनआईए रिमांड पर

इससे पहले गत 26 नवम्बर को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दिल्ली ब्लास्ट मामले में आरोपित शोयब को 10 दिनों की रिमांड पर लिया है। शोएब को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था। उसे पाटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां एनआईए रिमांड को मंजूरी मिली।

आमिर राशिद अली की एनआईए कस्टडी 7 दिन बढ़ाई

वहीं दिल्ली ब्लास्ट मामले में एक और आरोपित आमिर राशिद अली, जिसकी एनआईए कस्टडी उसी दिन समाप्त हो रही थी, उसे भी कोर्ट में पेश किया गया और उसकी कस्टडी को सात दिन और बढ़ा दिया गया।

शोएब ने विस्फोट से ठीक पहले उमर नबी को दिया था आश्रय

एनआईए के अनुसार, शोएब ने डॉ. उमर मोहम्मद (जिसे उमर उन नबी के नाम से भी जाना जाता है) को बम विस्फोट से ठीक पहले आश्रय दिया था। इसके अलावा उसने विस्फोट की साजिश को अंजाम देने में जरूरी लॉजिस्टिक सपोर्ट भी प्रदान किया।

सबूतों और संदिग्धों का पता लगाने के लिए कई राज्यों में छापेमारी जारी

उल्लेखनीय है कि गत 10 नवम्बर को लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर एक के पास कार बम ब्लास्ट हुआ था, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। शोएब इस मामले में गिरफ्तार किया गया सातवां आरोपित है। इससे पहले, एनआईए ने उमर के छह करीबी सहयोगियों को गिरफ्तार किया था।

एजेंसी ने बताया कि वह सुसाइड बॉम्बिंग से जुड़े सभी संभावित सबूतों और संदिग्धों का पता लगाने के लिए कई राज्यों में छापेमारी कर रही है। एनआईए का उद्देश्य है कि इस हमले के पीछे कार्यरत पूरे आतंक नेटवर्क के सभी सदस्य पकड़े जाएं।

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