नई दिल्ली, 2 मार्च। पूर्वोत्तर राज्यों – त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे भले ही कांग्रेस के लिए निराशा लेकर आए हैं, लेकिन चार राज्यों की पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के नतीजे पार्टी के लिए राहत लेकर आए हैं। इनमें महाराष्ट्र के कस्बा पेठ और पश्चिम बंगाल के सागरदिघी में कांग्रेस की जीत अहम है। पश्चिम बंगाल में जहां राज्य की विधानसभा में कांग्रेस का पहला विधायक पहुंचेगा वहीं कस्बा पेठ में 30 वर्षों बाद पार्टी को जीत मिली है। इसके अलावा तमिलना़डु के इरोड (पूर्व) में भी कांग्रेस की जीत तय है।
महाराष्ट्र : कस्बा पेठ में भाजपा के गढ़ में सेंध
महाराष्ट्र के पुणे की इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार रवींद्र धंगेकर ने 10,915 मतों से जीत दर्ज की। इसे भाजपा का गढ़ माना जाता था और उसके उम्मीदवार इस सीट पर पिछले 28 वर्षों से जीत हासिल करते आ रहे थे। लेकिन इस बार भाजपा उम्मीदवार हेमंत रसाने को हार का सामना करना पड़ा।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के गठबंधन महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के समर्थन वाले उम्मीदवार धंगेकर को 73,309 वोट मिले जबकि रसाने को 62,394 वोट मिले। कस्बा पेठ में कांग्रेस की जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि पिछले वर्ष जून में राज्य सरकार बदलने के बाद सत्तारूढ़ भाजपा-एकनाथ शिंदे के नेतृत्व और विरोधी एमवीए के बीच यह पहली सीधी टक्कर थी।
चिंचवाड़ में भाजपा के लक्ष्मण जगताप की जीत तय
हालांकि महाराष्ट्र में ही पुणे जिले की चिंचवाड़ सीट पर भाजपा के अश्विनी लक्ष्मण जगताप की जीत तय मानी जा रही है। चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार अंतिम समाचार मिलने तक वह एनसीपी उम्मीदवार विट्ठल उर्फ नाना काटे से लगभग 33 हजार मतों से आगे चल रहे थे।
बंगाल विधानसभा में कांग्रेस की दस्तक
पश्चिम बंगाल की सागरदिघी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार बायरन विश्वास ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रत्याशी को 22,986 मतों से हरा दिया। इसके साथ ही वह मौजूदा विधानसभा के लिए निर्वाचित होने वाले कांग्रेस के पहले विधायक बन गए हैं। वाम समर्थित विश्वास को 87,667 वोट मिले जबकि टीएमसी के उम्मीदवार देवाशीष बनर्जी को 64,681 और भाजपा के प्रत्याशी दिलीप साहा को 25,815 वोट मिले।
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पिछले साल दिसम्बर में राज्य के मंत्री सुब्रत साहा के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव कराए गए। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के गृह क्षेत्र मुर्शिदाबाद के तहत आने के कारण इस सीट पर उपचुनाव को उनके लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई के तौर पर देखा जा रहा था। पश्चिम बंगाल में साल 2021 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और वाम मोर्चा का खाता भी नहीं खुल पाया था।
तमिलनाडु में भी कांग्रेस उम्मीदवार एलनगोवन की जीत
तमिलनाडु के इरोड (पूर्व) विधानसभा क्षेत्र के लिए हुए उपचुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस उम्मीदवार ईवीकेएस एलनगोवन की जीत लगभग पक्की है। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों के अनुसार अंतिम समाचार मिलने तक अन्नाद्रमुक के प्रत्याशी के एस. थेन्नासारू दूसरे स्थान पर थे। उस समय एलनगोवन 55 हजार से ज्यादा वोटों से आगे चल रहे थे। इरोड (पूर्व) विधानसभा उपचुनाव में कुल 77 प्रत्याशी मौदान में हैं। हालांकि, मुख्य मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार एलनगोवन और अन्नाद्रमुक प्रत्याशी थेन्नासारू के बीच ही है।
एलनगोवन को उपचुनाव में द्रमुक का समर्थन हासिल है। अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में नाम तमिलर काची की एन. मेनका और डीएमडीके केएस आनंद शामिल हैं। इरोड (पूर्व) से कांग्रेस विधायक ई थिरुमगन इवेरा का गत चार जनवरी को निधन होने के कारण इस सीट पर उपचुनाव कराया गया। 27 फरवरी को हुए उपचुनाव में करीब 75 फीसदी वोट पड़े थे।
झारखंड की रामगढ़ सीट पर कांग्रेस की हार
फिलहाल झारखंड के रामगढ़ में विधानसभा उपचुनाव में आजसू उम्मीदवार सुनीता चौधरी 21,970 मतों के अंतर से जीत हासिल करने में कामयाब रही। उन्होंने कांग्रेस के बजरंग महतो को हराया। आपराधिक मामले में सजायाफ्ता कांग्रेस विधायक ममता देवी के अयोग्य घोषित होने के बाद यहां उपचुनाव कराना पड़ा था। सत्तारूढ़ महागठबंधन में शामिल कांग्रेस उम्मीदवार तथा ममता के पति बजरंग महतो हालांकि जीत हासिल नहीं कर सके।