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तीरंदाजी विश्व कप : ज्योति और देवताले की जोड़ी ने कंपाउंड मिश्रित टीम स्पर्धा में भारत को दिलाया स्वर्ण पदक

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नई दिल्ली, 22 अप्रैल। ज्योति सुरेखा वेनम और पदार्पण कर रहे ओजस देवताले की मिश्रित युगल जोड़ी ने तुर्किये के अंताल्या में चल रहे तीरंदाजी विश्वकप के पहले चरण में शानदार प्रदर्शन करते हुए कंपाउंड मिश्रित टीम का स्वर्ण पदक जीत लिया।

दूसरी सीड वेनम व देवताले ने शनिवार को 12वीं वरीयता प्राप्त चीनी ताइपे के चेन यी-हुआन और चेन चीह-लुन को 159-154 से हराकर स्वर्ण पदक से भारत का खाता खोला। विश्व कप की मिश्रित कंपाउंड स्पर्धा में भारत का यह दूसरा स्वर्ण पदक है। इससे पहले ज्योति और अभिषेक वर्मा ने पेरिस में 2022 में विश्व कप के तीसरे चरण में स्वर्ण पदक जीता था।

राष्ट्रीय ट्रायल्स में टीम में जगह बनाने में नाकाम रहे वर्मा की अनुपस्थिति के बावजूद भारतीय जोड़ी ने शानदार प्रदर्शन किया तथा 16 निशानों में से 15 निशाने सही लगाकर अपनी सीडेड प्रतिद्वंदी टीम को एकतरफा फाइनल में आसानी से हराया।

ज्योति और 20 वर्षीय देवताले ने केवल एक अंक गवाया, अन्यथा स्कोर 160 में से 160 होता। भारतीय टीम ने लगातार ‘परफेक्ट 10’ का स्कोर बनाया और जल्द ही 120-116 से बढ़त हासिल कर ली। इसके बाद भी उन्होंने अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखकर आसानी से पहला स्थान हासिल किया।

मलेशिया के फतिन नूरफतेह मेत सालेह और मोहम्मद जुवैदी माजुकी की जोड़ी को 157-154 से हरा कर फाइनल में पहुंची भारतीय टीम ने चेन यी-हुआन व चेन चीह-लुन के खिलाफ चार में से तीन में परफेक्ट 40 का स्कोर बनाया और लगभग विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया था।

अपने 16 तीरों से भारतीय जोड़ी ने 15 और 10 शूट किए, जिसमें 12 परफेक्ट एक्स और एक नौ शामिल हैं, जिससे 159-154 से जीत हासिल की। ज्योति और ओजस ने पहले दो छोरों के बाद 40-38 के समान स्कोर के साथ एक आसान बढ़त हासिल की और तीसरे छोर को चीनी ताइपे की जोड़ी के साथ 40-40 के साथ साझा किया।

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