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मन की बात  : पीएम मोदी ने ध्यान चंद को किया याद, बोले – हॉकी पदक ही देता है ओलंपिक में जीत का असली आनंद

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नई दिल्ली, 29 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 80वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने जहां हॉकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद की जयंती पर उनका स्मरण किया वहीं युवाओं के प्रेरित करने के साथ खेलों को बढ़ावा देने की बात भी कही। इसी क्रम में उन्होंने कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए टीकाकरण के साथ कोरोना गाइडलाइंस के पालन पर भी जोर दिया।

पीएम मोदी ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा कि मेजर ध्यान चंद की आत्मा जहां भी होगी, प्रसन्न होगी क्योंकि दुनिया में भारत की हॉकी का डंका ध्यान चंद की स्टिक से बजा था और एक बार फिर भारतीय हॉकी खिलाड़ियों ने 41 वर्षों बाद देश का नाम ऊंचा किया।

उन्होंने कहा कि कितने ही पदक क्यों न मिल जाएं, लेकिन जब तक हॉकी में पदक नहीं मिलता, भारत का कोई भी नागरिक विजय का आनंद नहीं ले सकता और इस बार ओलंपिक में हॉकी का पदक मिला, चार दशक के बाद मिला।

युवा पीढ़ी में बड़ा बदलाव नजर आ रहा, वह नए रास्ते बनाना चाहती है

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जब खेल-कूद की बात होती है तो स्वाभाविक है हमारे सामने पूरी युवा पीढ़ी नजर आती है और जब युवा पीढ़ी की तरफ गौर से देखते हैं, कितना बड़ा बदलाव नजर आ रहा है। युवाओं का मन बदल चुका है। आज का युवा मन बने बनाए रास्तों पर चलना नहीं चाहता है। वो नए रास्ते बनाना चाहता है। अनजानी जगह पर कदम रखना चाहता है। मंजिल भी नई, लक्ष्य भी नए, राह भी नई और चाह भी नई। अरे एक बार मन में ठान लेता है न युवा, जी-जान से जुट जाता है। दिन-रात मेहनत कर रहा है।’

खेलों को बढ़ावा देने से ही भारत नई ऊंचाई हासिल करेगा

पीएम मोदी ने कहा, ‘अब देश में खेल, खेल-कूद को लेकर खेल भावना रुकनी नहीं है। इस मोमेंटम को पारिवारिक जीवन में, सामाजिक जीवन में, राष्ट्र जीवन में स्थाई बनाना है, ऊर्जा से भर देना है, निरंतर नई ऊर्जा से भरना है। सबके प्रयास से ही भारत खेलों में वो ऊंचाई प्राप्त कर सकेगा, जिसका वो हकदार है। मेरे प्यारे नौजवानों, हमें इस अवसर का फायदा उठाते हुए अलग-अलग प्रकार के खेलों में महारत भी हासिल करनी चाहिए। गांव-गांव खेलों की स्पर्धाएं निरंतर चलती रहनी चाहिए।’

स्वच्छता अभियान के लिए इंदौर की तारीफ

पीएम मोदी स्वस्थ भारत अभियान में शीर्ष पर चल रहे इंदौर की तारीफ की तो तमिलनाडु के शिवगंगा जिले की काजिरंगा पंचायत का भी जिक्र किया, जिसने वेस्ट से वेल्थ के मॉडल का उदाहरण पेश किया है।

संस्कृत भाषा का प्रचार-प्रसार करने वालों की भी प्रशंसा

प्रधानमंत्री ने संस्कृत भाषा का प्रचार-प्रसार करने वालों की भी प्रशंसा करते हुए कहा, ‘हमारी संस्कृत भाषा सरस भी है, सरल भी है। संस्कृत अपने विचारों, अपने साहित्य के माध्यम से ये ज्ञान विज्ञान और राष्ट्र की एकता का भी पोषण करती है, उसे मजबूत करती है। संस्कृत साहित्य में मानवता और ज्ञान का ऐसा ही दिव्य दर्शन है, जो किसी को भी आकर्षित कर सकता है। हमारी विरासत को बचाना और उन्हें आने वाली पीढ़ियों को बताना हमारा कर्तव्य है।’

दवाई के साथ कड़ाई का भी ध्यान रखना जरूरी

पीएम मोदी ने कहा, ‘हमें एक बात और याद रखनी है, दवाई भी कड़ाई भी। देश में 62 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। फिर भी हमें सतर्कता रखनी है। और हां, हमेशा की तरह आप जब भी कुछ नया करें, कुछ नया सोचें तो उसमें मुझे जरूर शामिल करिएगा। मुझे आपके पत्र और मैसेज का इंतजार रहेगा। आने वाले पर्वों की बधाई।’

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