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मध्य प्रदेश चुनाव : काउंटिग से पहले ही खुल गए बैलेट पेपर, बालाघाट में सामने आया स्ट्रांग रूम में छेड़छाड़ का मामला

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बालाघाट, 27 नवम्बर। मध्य प्रदेश में गत 17 नवम्बर को हुए विधानसभा चुनाव का परिणाम आगामी तीन दिसम्बर को आना है। लेकिन रिजल्ट से पहले ही बालाघाट जिले का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है, जिसमें स्ट्रांग रूम में बैलेट पेपर से छेड़छाड़ करते देखा जा रहा है। वायरल वीडियो में कुछ कर्मचारी मत पत्रों को इकट्‌ठा करते दिख रहे हैं। स्ट्रांग रूम में छेड़छाड़ के इस मामले का वीडियो जारी करते हुए कांग्रेस ने बड़ा आरोप लगाया है और चुनाव आयोग से शिकायत कर जांच की मांग की है।

एमपी कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया पेज पर लिखा – ‘निर्वाचन को कलंकित करते बालाघाट कलेक्टर। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के कलेक्टर डॉ. गिरीश मिश्रा ने आज 27 नवम्बर को ही स्ट्रांग रूम खुलवाकर बिना अभ्यर्थियों को सूचना दिए डाक मतपत्रों की पेटियां खोल दी है। अंतिम सांसें गिनती शिवराज सरकार और सरकार की अंधभक्ति में लीन कलेक्टर लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा हैं। कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता सतर्क और चौकन्ना रहे। भाजपा की करारी हार से बौखलाई चोरी की ये सरकार और कुछ सरकारी दलाल वोट चुराने की फिराक मे हैं।

कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की शिकायत

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चुनाव प्रभारी जेपी धनोपिया ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की है। धनोपिया ने कलेक्टर को हटाने की मांग की है। हालांकि इस पूरे मामले में एसडीएम ने कहा कि लिफाफे में बंद मत पत्रों के 50-50 के बंडल बनाए जा रहे थे। ये रूटीन प्रोसेस है। इसे गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है।

कमलनाथ ने भी काररवाई की मांग

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश के बालाघाट जिले में पोस्टल बैलेट को मतगणना से पहले ही खोले जाने और छेड़छाड़ की आशंका का एक वीडियो सामने आया है, जिसकी शिकायत निर्वाचन आयोग में कांग्रेस पार्टी ने की है। यह अत्यंत गंभीर मामला है। दोषियों पर तत्काल काररवाई की जानी चाहिए। मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आह्वान करता हूं कि वे मुश्तैद रहें और कोई गड़बड़ी नहीं होने दें।

कहां रखे थे मतपत्र

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में बालाघाट जिले में कर्मचारियों, दिव्यांगों, बुजुर्गों ने अपने मतों का प्रयोग बैलेट पेपर के माध्यम से किया था। वोटिंग के बाद ये मत पत्र ट्रेजरी ऑफिस में रखे थे। उल्लेखनीय है कि काउंटिंग के दौरान पहले बैलेट पेपर की ही गिनती की जाती है, उसके बाद EVM वोटों की गिनती होती है।

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