रांची, 7 सितम्बर। झारखंड के हेमंत सोरेन सरकार ने सूबे में रहने वाले ट्रांसजेंडर समुदाय को बड़ी सौगात दी है। सीएम सोरेन ने ट्रांसजेंडर समुदाय को अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) की श्रेणी में शामिल किये जाने की मंजूरी दी ताकि उन्हें भी सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल सके।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार झारखंड कैबिनेट ने बुधवार को 34 अन्य प्रस्तावों के साथ इसे भी मंजूरी दे दी। इसके अलावा सोरेन सरकार ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को राज्य सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत प्रति माह 1,000 रुपये की पेंशन भी देगी।
झारखंड में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की मौजूदा आबादी लगभग 14 हजार
झारखंड के महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग के अनुसार साल 2011 में झारखंड में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की आबादी लगभग 11,900 थी, जो मौजूदा समय में लगभग 14,000 हो गई है। कैबिनेट सचिव वंदना डेडेल के मुताबिक जिन ट्रांसजेंडर को आरक्षण के किसी अन्य श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है, उन्हें सूची में 46वें नंबर पर ओबीसी श्रेणी में शामिल किया जाएगा।
वंदना डेडेल ने कहा, ‘सरकार द्वारा पास प्रस्ताव के दो भाग हैं, पहले में ट्रांस व्यक्तियों को तीसरे लिंग के रूप में घोषित किया जाना चाहिए और दूसरे में जो ट्रांस व्यक्ति आरक्षण के लिए किसी अन्य श्रेणी के अंतर्गत नहीं आते हैं। उन्हें सूची में क्रम संख्या 46 पर ओबीसी श्रेणी में शामिल किया जाएगा।’
पहले से किसी प्रकार का आरक्षण मिल रहा तो ओबीसी आरक्षण के हकदार नहीं होंगे
उन्होंने कहा कि यदि वे पहले से ही एसटी/एससी या अत्यंत पिछड़ा वर्ग जैसी किसी अन्य श्रेणी के अंतर्गत आते हैं और उन्हें पहले से ही किसी प्रकार का आरक्षण मिल रहा है, तो वे ओबीसी आरक्षण के हकदार नहीं होंगे। हालांकि, अगर वे अनारक्षित श्रेणी या किसी अज्ञात श्रेणी से हैं, तो उन्हें अन्य पिछड़ी जाति के तहत आरक्षण मिलेगा।
महिला, बाल और समाज कल्याण विभाग से संबंधित राज्य मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित एक अन्य प्रस्ताव में, ट्रांस व्यक्तियों को भी राज्य सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत पेंशन के रूप में 1,000 रुपये मिलेंगे।