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ट्रेनों में सीनियर सिटीजन के अलावा अब दिव्यांग लोगों के लिए भी आरक्षित रहेगी नीचे की सीट

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नई दिल्ली, 18 अप्रैल। भारतीय रेलवे ने बर्थ सीट के आरक्षण नियमों में कुछ बदलाव किए हॆं। एक आदेश के मुताबिक ट्रेन की लोअर बर्थ कुछ कैटेगरी के लोगों के लिए ही अब रिजर्व रहेगी। इस क्रम में सीनियर सिटीजन के अलावा सिर्फ दिव्यांग या फिजिकली डिसेबल्ड लोगों के लिए लोअर बर्थ को रिजर्व कर दिया गया है।

​रेलवे बोर्ड के बदले नियम के अनुसार, स्लीपर क्लास में दिव्यांगों के लिए चार, नीचे की दो, बीच वाली दो, थर्ड एसी की दो, इकोनॉमी की दो सीटों को रिजर्व किया है। इस सीट पर वो या उनके साथ-साथ सफर कर रहे लोग भी बैठ सकते हैं। वहीं गरीब रथ ट्रेन में दो नीचे और दो ऊपर की सीटें विकलांग लोगों को दी जाएंगी। हालांकि, उन लोगों को सीटों का पूरा किराया देना पड़ेगा।

सीनियर सिटीजन को बिन मांगे सीट

भारतीय रेलवे सीनियर सिटीजन, मतलब बुजुर्गों को बिना मांगे लोअर बर्थ सीट देगी। स्लीपर क्लास में छह से सात लोअर बर्थ, हर थर्ड एसी कोच में चार से पांच लोअर बर्थ, हर सेकेंड एसी कोच में तीन-चार लोवर बर्थ दी जाएगी। ट्रेन में 45 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र के लोगों और प्रेग्नेंट महिलाओं को सुविधा दी जाएगी। इस केटेगरी के लोगों को बिना कोई विकल्प चुने सीटें मिल जाती हैं।

टीटी ऑनबोर्ड भी चेंज कर सकते हैं सीट ​

​वहीं अगर किसी सीनियर सिटीजन, दिव्यांग या गर्भवती महिलाओं को ऊपर की सीट मिलती है तो टीटी ऑनबोर्ड भी टिकट चेकिंग के समय नीचे की सीट उन्हें दिलवा सकता है।

दिन में भी देनी पड़ेगी बैठने की जगह ​

​रेलवे के नियम के अनुसार जो भी यात्री साइड लोअर बर्थ पर सफर कर रहा है, उसे साइड अपर यात्री को दिन के समय में भी नीचे बैठने की जगह देनी पड़ेगी। यदि लोअर बर्थ पर RAC वाले दो यात्री पहले से यात्रा कर रहे हैं, तब भी उन्हें अपर बर्थ वाले को सीट देनी पड़ेगी।

समय से पहले को मिडिल बर्थ खोलने की जिद करें तो उसकी शिकायत करें

कई बार ऐसा होता है कि यात्री ट्रेन में सफर के समय, इन नियमों से परिचित नहीं होता, जिसकी वजह से कई बार स्थिति खराब हो जाती है। ऐसे में दो यात्रियों के बीच बात न बिगड़े, इसके लिए रेलवे ने खास नियम बनाएं हैं। यदि कोई यात्री तय समय से पहले या बाद में या फिर समय से पहले मिडिल बर्थ खोलने को अड़ जाए, तो आप उसे ऐसा करने से रोक सकते हैं। इस बात की शिकायत आप टीटीई से कर सकते हैं।

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