नई दिल्ली, 3 दिसंबर। तंगहाली से गुजर रहे पड़ोसी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लगातार बिगड़ती जा रही है। इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मुल्क में सिर्फ आम आदमी ही नहीं बल्कि सरकारी अधिकारियों के हालात भी महंगाई के चलते बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।
सर्बिया में पाकिस्तानी दूतावास के कर्मचारियों को 3 माह से वेतन नहीं
इसका ताजा उदाहरण सर्बिया में मौजूद पाकिस्तानी दूतावास में देखने को मिला, जब दूतावास के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से किए गए एक ट्वीट में कर्मचारियों को तीन माह से वेतन न मिलने की बात कही गई। इस ट्वीट में एक वीडियो भी पोस्ट किया गया है, जिसमें प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान ‘आपने घबराना नहीं है’ पर कटाक्ष किया गया है।
‘बिना सैलरी के लिए इमरान खान के लिए काम कर रहे’
पाकिस्तानी दूतावास से किए गए इस ट्वीट के कैप्शन में लिखा था, ‘महंगाई पिछले सभी रिकॉर्ड्स तोड़ चुकी है, आखिर कब तक पाकिस्तान के पीएम इमरान खान सरकारी अधिकारियों से उम्मीद लगाए रहेंगे कि हम तीन महीनों से बिना सैलरी के चुपचाप बैठकर काम करते रहें? इसके चलते हमारे बच्चों को स्कूल से निकाला जा चुका है क्योंकि हमारे पास फीस भरने के पैसे नहीं हैं।’ शख्स ने कमेंट सेक्शन में यह भी लिखा, ‘मुझे माफ कर देना इमरान खान, मेरे पास और कोई चारा नहीं बचा था।’
पाकिस्तान सरकार ने कहा – एंबेसी का अकाउंट हैक किया गया
सोशल मीडिया पर कयास लगाए जा रहे हैं कि ये शख्स पाकिस्तान एंबेसी में काम करने वाला सरकारी अफसर है। वहीं, कई लोगों का यह भी कहना है कि इमरान खान को बदनाम करने के लिए किसी शख्स ने पाकिस्तान एंबेसी के अकाउंट को हैक किया है। जब वीडियो को लेकर हलचल बढ़ी तो पाकिस्तान सरकार एक्टिव हो गई और कहा कि एंबेसी का अकाउंट हैक किया गया है। कुछ देर बाद इस ट्वीट को भी डिलीट कर दिया गया, हालांकि, तब तक सोशल मीडिया पर इस ट्वीट के स्क्रीनशॉट वायरल हो चुके थे।
इधर भारत के पूर्व आईएस ऑफिसर संजीव गुप्त ने इस मामले में कहा कि सैलरी के भुगतान का मुद्दा वाजिब हो सकता है, लेकिन एक फनी वीडियो के डालने से ऐसा लगता है कि ये किसी हैकर का काम हो सकता है। अगर यह एंबेसी में से किसी शख्स का काम है तो उसे सिर्फ टेक्स्ट के सहारे ही अपनी बात रख देनी चाहिए थी, जिससे इस ट्वीट की गंभीरता बनी रहती।
इमरान पहले ही कह चुके हैं – देश चलाने के लिए पैसा नहीं
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही इमरान खान ने साफ तौर पर स्वीकार किया था कि पाकिस्तान सरकार के पास देश चलाने के लिए पैसा नहीं है। उन्होंने कहा था कि इसी वजह के चलते उन्हें दूसरे देशों से लोन लेना पड़ता है। बढ़ता विदेशी कर्ज और टैक्स रिवेन्यू में कमी कहीं ना कहीं राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बन चुका है और सरकार के पास लोगों के कल्याण पर खर्च करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। उन्होंने साथ ही ये भी जोड़ा था कि लोगों को ये समझना होगा कि पाकिस्तान टैक्स के सहारे ही कर्ज और लोन के दुष्चक्र से बाहर आ सकता है।