नई दिल्ली, 6अप्रैल। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने डिजिटलीकरण सुविधा को लेकर भारत की कार्यपर्णाली को सराहा है। IMF ने अपने वर्किंग पेपर में दावा किया है कि भारत ने अपने सतत विकास लक्ष्यों का समर्थन करने के लिए एक विश्वस्तरीय डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा (DPI) विकसित किया है, जो उन देशों के लिए सबक हैं जो डिजिटल बदलाव की शुरुआत कर रहे हैं।
IMF की इस रिपोर्ट के अनुसार डिजिटलीकरण ने भारत की अर्थव्यवस्था को औपचारिक बनाने में मदद की है और आधार ने लीकेज को कम करते हुए लाभार्थियों को भुगतान के प्रत्यक्ष हस्तांतरण (डायरेक्ट ट्रांसफर) में मदद की है। वर्किंग पेपर में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) की सराहना की और कहा कि मजबूत नीतियों से प्रतिस्पर्धी, खुला और किफायती दूरसंचार बाजार बना और मोबाइल डेटा की लागत में 90 फीसदी की कमी से डाटा के इस्तेमाल में उछाल आया।
नोटबंदी से यूपीआई समेत भुगतान के अन्य तरीकों का अधिक इस्तेमाल हुआ। इसमें कहा गया है कि आधार ने भुगतान के हस्तांतरण करने, लीकेज को कम करने, भ्रष्टाचार को रोकने और कवरेज बढ़ाने के लिए घरों तक प्रभावी ढंग से पहुंचने के लिए एक उपकरण के रूप में मदद की। भारत सरकार का अनुमान है कि मार्च 2021 तक डिजिटल बुनियादी ढांचे और अन्य शासन सुधारों के कारण व्यय में जीडीपी का लगभग 1.1 फीसदी बचाया गया था।