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IMD का अलर्ट – अप्रैल-जून में 10-20 दिनों तक लू चलने की आशंका, गुजरात व मध्य महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों में सर्वाधिक असर

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नई दिल्ली, 1 अप्रैल। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अप्रैल-जून में 10-20 दिनों तक लू चलने की आशंका जाहिर की है। इस अवधि के दौरान मैदानी इलाकों के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्म हवा चलने का अनुमान है। मई तक अल नीनो की स्थिति बनी रहेगी। आईएमडी महानिदेशक मृत्युंजय मोहपात्रा ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।

इस माह कई हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना

मृत्युंजय मोहपात्रा ने बताया कि अप्रैल के महीने के लिए देश के अधिकतर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। हालांकि, पूर्व, उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम भारत के इक्का-दुक्का इलाकों में अधिकतम तापमान सामान्य या सामान्य से नीचे रहने की संभावना है। पश्चिमी हिमालय क्षेत्र, पूर्वोत्तर राज्यों और उत्तरी ओडिशा के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान के सामान्य या सामान्य से नीचे रहने की संभावना है।

आईएमडी महानिदेशक ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में अप्रैल-जून अवधि के दौरान सामान्य तौर पर चार से आठ दिन के लू दिवस की तुलना में 10 से 20 दिन तक लू चलने का अनुमान है। गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तरी छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश में लू का सबसे अधिक असर होने का अनुमान है।

रिजिजू बोले – चुनाव के दौरान ढाई माह प्रतिकूल मौसम का सामना करना पड़ेगा

इस बीच केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि देते इस वर्ष देश में अप्रैल के अंत से प्रतिकूल मौसम परिस्थितियां उत्पन्न होने का पूर्वानुमान है और संयोग से इसी दौरान लोकसभा चुनाव भी हैं। ऐसे में सभी हितधारकों के लिए पहले से तैयारी करना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘हमें आने वाले ढाई माह प्रतिकूल मौसम का सामना करना पड़ेगा। संयोग से इसी दौरान आम चुनाव भी हैं, जिसमें लगभग एक अरब लोगों के मतदान करने की उम्मीद है।’

राज्य सरकारों सहित सभी हितधारकों ने व्यापक तैयारी की है

रिजिजू ने कहा कि उन्होंने भीषण गर्मी के पूर्वानुमान के बीच चुनावों के मद्देनजर हितधारकों के साथ एक उपयोगी बैठक की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों सहित सभी हितधारकों ने व्यापक तैयारी की है। उन्होंने कहा, ‘यह हम सभी के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण होने वाला है। चूंकि हम दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाले देश हैं और प्रतिकूल मौसम झेलना पड़ता है, इसलिए पहले से तैयारी करना बेहद जरूरी हो जाता है।’

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