लखनऊ, 21 अप्रैल। बिहार और उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्सों में शुक्रवार को चांद का दीदार हो गया। यानी पूरे देश में अब शनिवार को ईद मनाई जाएगी। लखनऊ ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने भी घोषणा की, ‘आज चांद दिख गया है और कल देश में ईद-उल-फितर मनाई जाएगी।’
शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी और मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने कहा कि ईद का चांद नज़र आया और शनिवार को ईद उल फितर मनाई जाएगी। शुक्रवार की शाम चांद का दीदार होते ही देशभर में मुस्लिम समुदाय ने पटाखे बजाने के साथ आतिशबाजी कर खुशियां मनाईं।
ईद-उल-फितर इस्लाम के सबसे शुभ और पवित्र त्योहारों में से एक है। इसे रमजान के महीनेभर के उपवास (रोजा) के समाप्त होने के रूप में चिह्नित किया जाता है। इस्लामिक चंद्र कैलेंडर में नौवां महीना रमजान है और दसवां शव्वाल है, जिसका अर्थ है ‘उपवास तोड़ने का त्योहार’। शव्वाल महीने का पहला दिन मुसलमानों द्वारा ईद-उल-फितर के रूप में मनाया जाता है। ईद-उल-फितर के साथ शव्वाल के महीने का स्वागत करने के लिए मुसलमान रमजान के आखिरी दिन अर्धचंद्र को देखते हैं।
शव्वाल के दसवें इस्लामी महीने की शुरुआत का निर्धारण करने के लिए चंद्रमा को देखने की परंपरा वर्धमान या नए चंद्रमा को देखने की प्रथा है। मुसलमान चांद को नंगी आंखों से या टेलिस्कोप से देखते हैं। चंद्र महीने या तो 29 या 30 दिन लंबे होते हैं। हर साल रमजान और ईद-उल-फितर करीब 10-11 दिन पहले आते हैं। यह निर्भर करता है कि अर्धचंद्र कब देखा जाता है।
मुसलमान भोर से सूर्यास्त तक रोजा रखते हैं, शांति और मार्गदर्शन के लिए अल्लाह से प्रार्थना करते हैं। सऊदी सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में शुक्रवार को ही ईद-उल-फितर के मौके पर मुसलमानों ने इबादत की और जश्न मनाया। इस मौके पर घरों में खास पकवान बनते हैं और लोग एक दूसरे के घर जाते हैं। ईद-उल-फितर का त्योहार चांद दिखने पर मनाया जाता है। अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग दिन या समय पर ईद का चांद दिखाई देता है।