कानपुर, 14 नवम्बर। भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर ने एक ऐसी किट तैयार की है, जिससे आप घर बैठे जांच कर सकेंगे कि आपके घर-परिवार में जिस दूध का इस्तेमाल होता है, वह शुद्ध है या मिलावटी।
बाजार में अगले माह उपलब्ध होगी MILKIT टेस्टिंग किट
सिर्फ एक रुपये की कीमत वाली MILKIT टेस्टिंग किट से पता चल जाएगा कि दूध में कितनी मिलावट है। यह किट यूरिया, सल्फर समेत आठ मानकों की जानकारी पलभर (रियल टाइम) में दे देगी। आईआईटी कानपुर किट को अगले माह बाजार में लॉन्च करेगा।
किट पर लगी है कि डीआरडीओ व आईआईटी कानपुर की मुहर
आईआईटी कानपुर की इंक्यूबेटेड कम्पनी ई-स्निफ के निदेशक प्रदीप द्विवेदी ने बताया कि मिल्क टेस्टिंग किट – MILKIT पर डीआरडीओ व आईआईटी कानपुर की मुहर लगी हुई है। इसका कोई नुकसान नहीं है। बल्कि तमाम फायदे हैं। किट से डिटर्जेंट, बोरिक एसिड,
पूरी तरह से पेपर बेस्ड है यह मिल्क टेस्ट किट
प्रदीप द्विवेदी ने बताया, ‘हमने किट की तकनीक को डीआरडीओ से लिया जबकि आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों (बायोलॉजिकल साइंस एंड बायो इंजीनियरिंग विभाग) ने किट तैयार की है। इस शोध कार्य को पूरा करने में हमें दो वर्ष लग गए।’ उन्होंने यह भी दावा किया कि अब तक ऐसी कोई मिल्क टेस्ट किट भारतीय बाजार में नहीं है। यह किट केवल एक रुपये में मिल जाएगी और पूरी तरह से पेपर बेस्ड होगी।
जितना दूध तैयार नहीं होता, उससे कई गुना अधिक खप रहा
प्रदीप द्विवेदी का यह भी कहना था, ‘देश में जितना दूध गाय-भैंसों से हमें मिल रहा है, उससे कई गुना अधिक खपाया जा रहा है। यदि मिलावट नहीं है तो इतना दूध कहां से आ रहा है? कोरोना के दौर में देश के अंदर दूध की 50 से 60 प्रतिशत तक खपत कम हो गई थी। लेकिन गाय-भैंसों की संख्या में वृद्धि हुई नहीं और दूध बराबर से बाजारों में बिकता है। मिल्किट से टेस्ट के बाद आमजन आसानी से शुद्ध दूध का उपयोग कर सकेंगे। इसी मकसद से किट बनाई गई है।’