नई दिल्ली, 2 अगस्त। केरल और पूर्वोत्तर सहित कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस जानलेवा संक्रमण की तीसरी लहर इसी माह आ सकती है, जो अक्टूबर पर अपने चरम पर रहेगी। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना को लेकर यह नई भविष्यवाणी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) हैदराबाद व कानपुर के विशेषज्ञों – मधुकुमल्ली विद्यासागर और मनिंद्र अग्रवाल ने गणित के मॉडल के आधार पर की है। स्मरण रहे कि कोरोना की दूसरी लहर को लेकर भी इनका अनुमान सटीक रहा था।
कोरोना को घातक होने से रोकने के लिए टीकाकरण की गति बढ़ानी होगी
रिपोर्ट के अनुसार शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना को घातक होने से रोकने के लिए टीकाकरण की गति तेज करनी होगी। गौरतलब है कि देश में टीकाकरण अभियान के तहत 197 दिनों में अब तक 47.22 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की पहली या दूसरी डोज दी जा चुकी है। यह संख्या देश की कुल आबादी की एक तिहासी से तनिक ज्यादा है। केंद्र सरकार ने दिसंबर तक देश में पूर्ण टीकाकरण का लक्ष्य रखा है।
दूसरी लहर जितनी घातक नहीं होगी तीसरी लहर
विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर दूसरी लहर जितनी घातक तो नहीं होगी, फिर भी सावधानी बरतनी होगी। तीसरी लहर के दौरान हर दिन कोरोना के नए एक-एक लाख केस देखने को मिल सकते हैं। स्थिति थोड़ी और बिगड़ी तो आंकड़ा 1.5 लाख तक जा सकता है।
गौरतलब है कि दूसरी लहर में भारत में दो-चार दिनों तक चार लाख से भी ज्यादा केस सामने आए थे। फिर सात मई के बाद नए केस धीरे-धीरे कम होने लगे थे। शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि तीसरी लहर में कोरोना के केस कितने बढ़ेंगे, यह महाराष्ट्र और केरल या फिर ज्यादा केसों वाले राज्यों की स्थिति पर निर्भर करेगा।