Site icon Revoi.in

आईसीसी चेयरमैन ने जताई आशंका – खतरे में है क्रिकेट के टेस्ट प्रारूप का भविष्य

Social Share

लंदन, 4 जून। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के चेयरमैन ग्रेग बार्कले ने आशंका जताई है कि घरेलू टी20 लीगों की बढती संख्या और द्विपक्षीय सीरीज की कटौती से क्रिकेट के परम्परागत टेस्ट प्रारूप का भविष्य खतरे में पड़ सकता है।

आईसीसी चेयरमैन ग्रेग बार्कले ने इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मैच के दौरान बीबीसी के ‘टेस्ट मैच स्पेशल’ कार्यक्रम में यह आशंका जाहिर की। उन्होंने कहा कि घरेलू टी20 लीग की संख्या बढ़ती जा रही है जबकि बाइलेटरल श्रृंखलाएं छोटी होती जा रही हैं और अगले दशक में इससे टेस्ट मैचों की संख्या में कटौती हो सकती है। टेस्ट क्रिकेट पांच दिन का होता है, जिससे दर्शक उसे कम पसंद करते हैं।

 

भावी दौरा कार्यक्रम तय करते समय आईसीसी को बड़ी दिक्कतें आएंगी

आईसीसी चेयरमैन का पद नवंबर, 2020 में संभालने वाले बार्कले ने कहा कि अगले वर्ष से शुरू हो रहे अगले भावी दौरा कार्यक्रम तय करते समय आईसीसी को बड़ी दिक्कतें आएंगी। उन्होंने कहा, ‘हर साल महिला और पुरुष क्रिकेट का एक टूर्नामेंट है। इसके अलावा घरेलू लीग बढती जा रही हैं. इससे द्विपक्षीय सीरीज छोटी हो रही हैं। अगले 10 से 15 वर्षों में टेस्ट क्रिकेट खेल का अभिन्न हिस्सा तो रहेगा, लेकिन मैचों की संख्या कम हो सकती है।’

महिला क्रिकेट में टेस्ट प्रारूप का अपेक्षित विकास नहीं हो रहा

ग्रेग बार्कले ने यह भी कहा कि महिला क्रिकेट में टेस्ट प्रारूप का उतनी तेजी से विकास नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए घरेलू ढांचा उस तरह का होना चाहिए, जो अभी किसी देश में नहीं है। मुझे नहीं लगता कि महिला क्रिकेट में टेस्ट प्रारूप का उतनी तेजी से विकास हो रहा है।’

भारत को लेकर कही ये बात

उन्होंने कहा, ‘इसके दुर्भाग्यपूर्ण परिणाम होंगे। खेलने के अनुभव के नजरिए से भी और उन देशों के राजस्व पर भी, जिन्हें ज्यादा खेलने के मौके नहीं मिलते खासकर भारत, ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड जैसी टीमों के खिलाफ।’ उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भारत, आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसे देशों पर इसका असर नहीं पड़ेगा।