वाराणसी, 31 मई। ज्ञानवापी सर्वे का वीडियो कैसे लीक हुआ, इसे लेकर तरह-तरह चर्चाएं हैं। इस बीच वादी राखी सिंह के अधिवक्ता शिवम गौर जिला जज की अदालत में मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए अर्जी देंगे। वीडियो लीक मामले में पैरोकार विश्व वैदिक हिन्दू सनातन संघ ने भी आपत्ति जताई है। वहीं प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता भी अदालत में आपत्ति दर्ज कराएंगे और काररवाई की मांग करेंगे।
दरअसल, ज्ञानवापी मामले पर सोमवार को शपथपत्र देने के साथ ही बंद लिफाफे में सर्वेक्षण की रिपोर्ट और वीडियो की सीडी पक्षकारों को सौंप दी गई। रिपोर्ट सौंपने के कुछ देर बाद ही रिपोर्ट लीक हो गई और सर्वे के वीडियो वायरल हो गए।
इसके बाद हिन्दू पक्ष ने प्रेस कांफ्रेंस कर दावा किया कि सर्वे के वीडियो को किसी ने वायरल कर दिया है। उन्होंने अपने चारों लिफाफे भी मीडिया को दिखाए। उन्होंने दावा किया, ‘हमारे लिफाफे अब तक सील बंद हैं। हमने अब तक इसे खोला ही नहीं है। ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि वीडियो कैसे लीक हो गया। अब हम लोग अपने सभी लिफाफे कल कोर्ट में सरेंडर कर देंगे।’
दोनों पक्षों की दलीलें
हिन्दू पक्ष के वकील सुधीर जैन ने कहा, ‘हम लोगों को मिला लिफाफा अब तक खोला ही नहीं गया है। अभी हम लोगों को पता चला कि वीडियो कुछ प्लेटफार्म पर चल रहा है। अब हम कोर्ट से इस बारे में शिकायत करेंगे। हम लोगों को कोर्ट से चार लिफाफे मिले थे, चारों लिफाफे अभी तक सील बंद हैं। हम लोगों ने लीक नहीं किया है।’
मुस्लिम पक्ष के वकील अभयनाथ यादव ने दावा किया कि जिन लोगों को वीडियो मिले हैं, उन लोगों ने ही इसे लीक किया है। उन्होंने कहा कि ये लोग दो दिनों तक लगातार दी गई दलील से परेशान हो गए हैं। अब जनमानस को भ्रमित करने के लिए वीडियो वायरल किया जा रहा है। इसके पीछे बहुत बड़ा षड़यंत्र है। ये लोग चाहते हैं कि वीडियो से जनमानस को उभार करके देश में अशांति फैलाई जा सके। वीडियो लीक करना और सार्वजनिक करना अदालत के आदेश की भी अवहेलना है। इस पर अदालत में अपनी बात रखी जाएगी और शिकायत की जाएगी।