पटना, 14 दिसंबर। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य मंत्री और लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव को अपना राजनीतिक वारिस घोषित किया है तब से विपक्ष में खलबली मच गई है। इसी कड़ी में चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने तेजस्वी यादव की योग्यता पर सवाल खड़े किए हैं। प्रशांत किशोर ने मंगलवार को कहा कि यहां पढ़े-लिखे लोग रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं और बिहार में दसवीं पास नहीं करने वाले, नेताओं के बच्चे मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीटर हैंडल से एक शेयर किया जिसमें बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) और केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) में उत्तीर्ण उम्मीदवारों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर रही है। प्रशांत किशोर ने महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि 10 लाख सरकारी नौकरियों का झूठा वादा करने वाली सरकार TET और CTET पास कर बेरोज़गार बैठे लोगों पर लठियां चलवा रही है। उन्होंने आगे लिखा कि बिहार में दसवीं पास नहीं करने वाले नेताओं के बच्चे CM बनने का सपना देख रहे हैं और सामान्य परिवार के पढ़े लिखें लोग नौकरी और रोज़गार के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे हैं।
- कुढ़नी में हार के लिए नीतीश कुमार को ठहराया जिम्मेवार
उल्लेखनीय है कि इससे पहले प्रशांत किशोर ने बिहार की जनता के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति नाराजगी को लेकर भी तंज कसा था। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता का सीएम से भरोसा इस कदर उठ गया है कि नीतीश कुमार बिना सुरक्षा गार्ड के किसी गांव में प्रवेश तक नहीं कर सकते। कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में मिली हार नीतीश कुमार के प्रति जनता में खत्म हो चुके विश्वास का ही नतीजा है।