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हूती विद्रोहियों ने किया पोत पर हमला, चालक दल के तीन सदस्यों की मौत

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दुबई, 7 मार्च। यमन के हूती विद्रोहियों ने बुधवार को अदन की खाड़ी में एक वाणिज्यिक पोत पर मिसाइल से हमला किया, जिसके कारण चालक दल के तीन सदस्यों की मौत हो गई और बाकी सदस्यों को पोत छोड़कर भागना पड़ा। अमेरिका की सेना ने यह जानकारी की।

गाजा में हमास के खिलाफ इजराइल के युद्ध छेड़ने के बाद हूती विद्रोहियों की ओर से यह पहला ऐसा हमला है, जिसमें लोगों की जानें गई हैं। इस बीच, ईरान ने बुधवार को घोषणा की कि वह अमेरिकी ऊर्जा कंपनी ‘शेवरॉन कॉर्प’ को भेजे जा रहे पांच करोड़ डॉलर मूल्य के कुवैती कच्चे तेल को जब्त कर लेगा। यह कच्चा तेल उस टैंकर में है, जिसे उसने करीब एक साल पहले जब्त किया था।

अमेरिकी सेना के ‘सेंट्रल कमांड’ ने बताया कि ‘ट्रू कॉन्फिडेंस’ नामक पोत पर यमन के हूती-नियंत्रित क्षेत्र से एक पोत रोधी बैलिस्टिक मिसाइल दागी गई, जिससे पोत को काफी नुकसान हुआ। पोत पर सवार चालक दल के तीन सदस्यों की मौत हो गई और कम से कम चार सदस्य घायल हो गए, जिनमें से तीन की हालत गंभीर है।

अमेरिकी सेना द्वारा जारी की गई दो तस्वीरों में पोत और उसमें रखा सामान जलता हुआ दिखाई दे रहा है। बारबाडोस के झंडे वाले इस पोत पर हमले के बाद एशिया और मध्य पूर्व को यूरोप से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग पर संघर्ष बढ़ गया है, जिससे जहाजों की वैश्विक आवाजाही बाधित हो गई है।

ईरान समर्थित हूतियों ने नवंबर में हमले शुरू किए थे और अमेरिका ने जनवरी में इसके जवाब में हवाई हमले शुरू किए लेकिन अमेरिका, विद्रोहियों के हमलों को अब तक रोक नहीं सका है। मिसाइल हमले के बाद चालक दल के सदस्यों को पोत छोड़कर जीवनरक्षक नौकाओं से भागना पड़ा। एक अमेरिकी युद्धपोत और भारतीय नौसेना बचाव प्रयासों में सहायता करने की कोशिश कर रहे थे।

पोत के प्रबंधकों और मालिकों ने बताया कि इसके चालक दल के 20 सदस्यों में एक भारतीय, 15 फिलीपीन के नागरिक और चार वियतनामी शामिल हैं। पोत पर तीन सशस्त्र गार्ड भी सवार थे, जिनमें से दो श्रीलंका से और एक नेपाल से है। यह पोत चीन से सऊदी अरब के जेद्दा तक इस्पात ले जा रहा था। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने हूती विद्रोहियों से ‘‘लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय नौवहन के खिलाफ सभी हमलों को रोकने का आह्वान किया’’ है।

संयुक्त राष्ट्र ने लगातार हो रहे इन हमलों को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। अमेरिका ने भी इन हमलों की निंदा की है। अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन ज्यां-पियरे ने चेतावनी दी, ‘‘अमेरिका कार्रवाई नि:संदेह जारी रखेगा।’’

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