नई दिल्ली, 5 अप्रैल। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने हनुमान जयंती के मद्देनजर बुधवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक सलाह जारी की है। इस परामर्श में ‘सरकारों को कानून और व्यवस्था बनाए रखने, त्योहार का शांतिपूर्ण पालन करने और समाज में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाले किसी भी कारक की निगरानी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।
गृह मंत्री के कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘राज्य / केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों को कानून-व्यवस्था बनाए रखने, त्योहार के दौरान शांति कायम रखने और समाज में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की आशंका वाले हर प्रकार के कारक पर नजर रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।’
गौरतलब है कि गुरुवार, छह अप्रैल को देशभर में हनुमान जयंती मनाई जाएगी। पिछले सप्ताह रामनवमी के अवसर पर बिहार, बंगाल और महाराष्ट्र सहित कुछ राज्यों में हिंसा की हालिया घटनाओं के मद्देनजर गृह मंत्रालय की यह सलाह आई है। बिहार के कई इलाकों में तनाव जैसी स्थिति बनी रही।
दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी इलाके में फ्लैग मार्च किया
इस बीच हनुमान जयंती से पहले दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी इलाके में फ्लैग मार्च किया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने विश्व हिन्दू परिषद और एक अन्य समूह को क्षेत्र में जुलूस निकालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। पिछले साल हनुमान जयंती पर इस क्षेत्र में सांप्रदायिक झड़प हुई थी, जिसमें आठ पुलिसकर्मी और एक स्थानीय निवासी घायल हो गए थे।
कलकत्ता हाई कोर्ट का सरकार को केंद्रीय बलों की तैनाती की अपील करने का निर्देश
वहीं पिछले हफ्ते रामनवमी के अवसर पर पश्चिम बंगाल के हावड़ा और हुगली में भयानक हिंसा की घटनाएं सामने आईं थी। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार को हनुमान जयंती समारोहों के दौरान शांति बनाए रखने में राज्य पुलिस की मदद के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की अपील करने का बुधवार को निर्देश दिया।
अदालत ने कहा कि हाल के दिनों में हुई घटनाओं को देखते हुए आम जनता को यह आश्वासन देने के लिए आदेश दिया जा रहा है कि वे सुरक्षित हैं और किसी तरह की पेरशानी का उन्हें सामना नहीं करना पड़ेगा। पिछले सप्ताह रामनवमी के जुलूस के दौरान तथा बाद में हावड़ा और हुगली जिलों में कुछ स्थानों पर दो गुटों के बीच झड़प हो गई थी।
शाह से मिला मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल, ‘इस्लामोफोबिया’ पर अंकुश लगाने का आग्रह
इस बीच जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी समेत 16 मुस्लिम बुद्धिजीवियों और उलेमाओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सांप्रदायिक हिंसा, नफरत एवं ‘इस्लामोफोबिया’ (इस्लाम के प्रति दुराग्रह) और भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मार डालने (मॉब लिंचिंग) की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।
जमीयत की कार्यकारिणी के सदस्य मौलाना नियाज फारूकी ने बताया कि शाह से उनके आवास पर मंगलवार रात मुलाकात हुई और इस दौरान सरकार एवं मुस्लिम समुदाय के बीच ‘भ्रम एवं गतिरोध’ को दूर करने, रामनवमी के पर्व के दौरान देश के कुछ हिस्सों में हुई हिंसा, संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), समान नागरिक संहिता, कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण खत्म किया जाना, वक्फ संपत्तियों का संरक्षण, कश्मीर की वर्तमान स्थिति, ‘मीडिया के एक हिस्से में इस्लाम विरोधी रुख’ समेत 14 बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।