नई दिल्ली, 28 सितंबर। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) तथा उससे संबद्ध संगठनों को गैर कानूनी क्रियाकलापों में लिप्त पाए जाने पर गैर कानूनी संगठन घोषित किया है। मंत्रालय ने संगठन पर तत्काल तत्काल प्रभाव से 5 वर्ष तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। गृह मंत्रालय ने मंगलवार देर रात जारी अधिसूचना में कहा है कि पीएफआई युवाओं, छात्रों, महिलाओं इमामो, वकीलों और समाज के कमजोर वर्गों में पहुंच बढ़ाकर गुप्त एजेंडे के तहत एक वर्ग विशेष को कट्टर बना रहा है।
संगठन का उद्देश्य लोकतंत्र की अवधारणा को कमजोर करना और संविधान के खिलाफ कार्य करना है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि पीएफआई को जांच में गैर कानूनी क्रियाकलापों में संलिप्त पाए जाने के बाद इस पर तथा इससे संबंधित संगठनों को तत्काल प्रभाव से 5 वर्ष के लिए प्रतिबंधित किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पिछले सप्ताह पीएफआई के देश भर में 100 से भी अधिक ठिकानों पर छापेमारी कर उसके कई सदस्यों को गिरफ्तार किया था।
- आइये जानते हैं वो क्या सबूत थे जिसके आधार पर पीएफआई पर बैन लगा…
ऑपरेशन ऑक्टोपस के 2 राउंड में NIA, ATS और स्टेट पुलिस को PFI के मिशन 2047 से जुड़े ऐसे ऐसे सबूत मिले हैं जो इस ऑर्गेनाइजेशन पर बैन की वजह बन सकते हैं। इनमें, हिंदुस्तान को सिविल वॉर में झोंकना, 2047 तक ऑपरेशन गजवा-ए-हिंद को पूरा कर लेना और हिंदुस्तान में इस्लामिक शासन लागू करना बैन के तीन मुख्य कारण हैं।