नई दिल्ली, 24 जून। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए आज राष्ट्रीय राजधानी में एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे. यह सर्वदलीय बैठक दोपहर 3 बजे होनी है। उधर, मणिपुर में 3 मई के बाद से अभी भी आगजनी जैसी घटनाएं थम नहीं रही हैं। इसलिए राज्य सरकार ने शांति में और अशांति को रोकने के प्रयास में इंटरनेट पर प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से पांच दिन और 25 जून तक बढ़ा दिया है।
राज्य में जारी अशांति को देखते हुए डेटा सेवाओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। मेइती को अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में शामिल करने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल्स स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान झड़प के बाद 3 मई को मणिपुर में हिंसा भड़क उठी। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्य में शांति और सद्भाव की अपील करते हुए कहा कि मणिपुर में लोगों के जीवन को तबाह करने वाली अभूतपूर्व हिंसा ने हमारे देश की अंतरात्मा पर गहरा घाव छोड़ा है।
जातीय हिंसा और झड़पों के मद्देनजर मणिपुर में मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के समय पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि यह ऐसे समय में बुलाई जा रही है जब प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राज्य अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं, जिससे पता चलता है कि यह बैठक उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं है।
- कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उठाए सवाल
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर 53 दिन से जल रहा है और आखिरकार गृह मंत्री ने आज दोपहर तीन बजे मणिपुर पर सर्वदलीय बैठक बुलाना उचित समझा है। रमेश ने ट्विटर पर कहा, ‘वास्तव में इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री को करनी चाहिए थी, जो इतने समय तक चुप रहे। इसे राष्ट्रीय वेदना के प्रदर्शन के तौर पर इंफाल में आयोजित किया जाना चाहिए था। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मणिपुर के लोगों को बुरी तरह से निराश किया है।