नई दिल्ली, 13 जून। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को 8,000 करोड़ रुपये से अधिक की तीन बड़ी योजनाओं की घोषणा की, जिनके तहत सभी राज्यों में अग्निशमन सेवाओं का आधुनिकीकरण, सात बड़े शहरों में बाढ़ की आशंकाओं को कम करने और 17 राज्यों में भूस्खलन रोकने का काम किया जाएगा।
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के आपदा प्रबंधन मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए शाह ने यह सुनिश्चित करने की भी अपील की कि देश में कहीं भी आपदा से एक भी जान नहीं जानी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘राज्यों में अग्निशमन सेवा के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए 5,000 करोड़ रुपये की सहायता दी जाएगी।
मुंबई सहित 7 महानगरों में बाढ़ का खतरा रोकने के लिए 2,500 करोड़ का पैकेज
शहरों में बाढ़ के खतरे को कम करने के लिए सर्वाधिक जनसंख्या वाले सात महानगरों – मुंबई, चेन्नई, कोलकाता बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद और पुणे के लिए 2,500 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
शाह ने कहा, ‘भू-स्खलन की रोकथाम के लिए 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 825 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय भू-स्खलन जोखिम शमन परियोजना चलाई जाएगी। हमारा प्रयास होना चाहिए कि एक भी व्यक्ति की जान आपदा के कारण ना जाए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 5 साल में सभी राज्यों ने इस लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में प्रयास किए हैं।’
परमाणु ऊर्जा संयत्र वाले क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन के समस्त उपाय अपनाए जाएं
गृह मंत्री ने कहा कि देश के जिन राज्यों में परमाणु ऊर्जा संयंत्र बन रहे हैं, वहां राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा दौरा किया गया है और किसी भी आपात स्थिति में लोगों के बचाव के लिए सख्त प्रोटोकॉल राज्यों को भेजे गए हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरी सभी संबंधित राज्यों से अपील है कि इस पर प्राथमिकता से ध्यान दें। परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में काम शुरू करने और बिजली उत्पादन से पहले आपदा प्रबंधन के समस्त उपाय अपनाये जाने चाहिए। यह हम सभी के लिए सर्वोपरि आवश्यकता है।’
Addressing a meeting with the Ministers of Disaster Management of the States and UTs. https://t.co/k3wF4nMJa7
— Amit Shah (@AmitShah) June 13, 2023
अमित शाह ने कहा, ‘पिछले नौ वर्षों में केंद्र और राज्यों ने काफी उपलब्धियां प्राप्त की हैं, लेकिन हम इससे संतुष्ट होकर नहीं बैठ सकते। आपदाओं का स्वरूप बदला है और उनकी आवृत्ति और तीव्रता भी बढ़ी है, इसीलिए हमें अपनी तैयारियों को इसके साथ अधिक पैना और व्यापक करना होगा।’
‘नई तरह की आ रहीं आपदाएं…रहना होगा तैयार‘
शाह ने कहा, ‘अब कई नए स्थानों पर नई आपदाएं आ रही हैं, इसके लिए भी हमें अपने आप को तैयार करना होगा। इसलिए हमें अपनी तैयारियों को बढ़ाना होगा। आपदा प्रबंधन हमारे देश में कोई नयी अवधारणा नहीं है। चाणक्य के अर्थशास्त्र में पौराणिक समय में प्रशासन के कार्यों से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध हैं और सभी आपदा प्रबंधन की बात करते हैं।’
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के समय प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मिलकर सफलतापूर्वक सदी की सबसे भयावह महामारी का सामना किया। पहले आपदा के प्रति देश का दृष्टिकोण राहत-केन्द्रित और प्रतिक्रिया वाला होता था, लेकिन, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नौ साल में त्वरित चेतावनी प्रणाली, रोकथाम, प्रभाव कम करने और पूर्व तैयारी-आधारित आपदा प्रबंधन को सामूहिक मेहनत और लगन से जमीन पर उतारा गया है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने ‘आपदा मित्र’ योजना के तहत 350 उच्च-जोखिम आपदा संभावित जिलों में लगभग एक लाख युवा स्वयंसेवकों को तैयार करने का लक्ष्य रखा है, इससे आपदाओं के समय बहुत अच्छे नतीजे मिल रहे हैं।