तवांग (अरुणाचल प्रदेश), 15 अगस्त। अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले में शुक्रवार को 14,000 फीट की ऊंचाई पर देशभक्ति और टीमवर्क का अनोखा नजारा देखने को मिला। 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारतीय सेना की गजराज कॉर्प्स ने ऐतिहासिक तिरंगा मार्च का नेतृत्व किया।
इस विशेष कार्यक्रम में 160 गोरखा सैनिक और जुड़े हुए जवान, साथ में 25 ITBP कर्मियों ने 100 मीटर लंबा राष्ट्रीय ध्वज लेकर हरे-भरे हिमालयी घास के मैदानों में पैदल मार्च किया। उनके साथ लगभग 150 स्थानीय ग्रामीण, जिनमें छोटे बच्चे और मागो व चुना गांवों के बच्चे शामिल हुए। इस दृश्य ने इलाके को तिरंगे के रंगो-केसरिया, सफेद और हरे से भर दिया।
इस कार्यक्रम में सिविल प्रशासन, सहायक आयुक्त थुतान वांगचू के नेतृत्व में, स्थानीय ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित की। इसके साथ ही केंद्रीय तिब्बती उच्च अध्ययन संस्थान, सारनाथ (वाराणसी, यूपी के 23 छात्र और एक शिक्षक भी अपने देशभक्ति की जड़ों को जानने के लिए मार्च में शामिल हुए।
मार्च के बाद सभी प्रतिभागियों ने ‘नो प्लास्टिक जोन’ सफाई अभियान में हिस्सा लिया, कचरा हटाया और नाजुक हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा के लिए संदेश दिया। यह तिरंगा न केवल रंगों में बल्कि एकता का प्रतीक भी बन गया, जिसमें सैनिक सीमा की सुरक्षा कर रहे थे, ग्रामीण अपनी परंपराओं की रक्षा कर रहे थे और प्रशासन पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे रहा था।
इस कार्यक्रम ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ का संदेश भी उजागर किया, यह दर्शाते हुए कि देश का भविष्य हम सभी के प्रयासों पर निर्भर है। वहीं मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे ‘देशभक्ति की असली भावना अपने शिखरों पर’ बताया।

