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बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल : भारतीय एथलीटों का ऐतिहासिक प्रदर्शन, पैरा पावरलिफ्टर सुधीर ने स्वर्ण पदक जीता, श्रीशंकर को लंबी कूद में रजत

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बर्मिंघम, 5 अगस्त। भारतीय एथलीटों ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में गुरुवार को सांयकालीन सत्र में ऐतिहासिक प्रदर्शन के बीच एक स्वर्ण व एक रजत पदक जीता। इस क्रम में शक्तिशाली पैरा पावरलिप्टर सुधीर ने जहां पुरुष हैवीवेट फाइनल में रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन के सहारे स्वर्ण पदक पर नाम लिखाया वहीं मुरली श्रीशंकर ने लंबी कूद में रजत पदक पर अधिकार किया। दोनों ही खिलाड़ी संबंधित स्पर्धाओं में पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं।

भारत के खाते में अब तक 6 स्वर्ण सहित 20 पदक

भारतीय दल ने इसके साथ ही अब तक छह स्वर्ण, सात रजत व सात कांस्य सहित कुल 20 पदक जीते हैं और पदक तालिका में सातवें स्थान पर है।

सुधीर पैरा पावरलिफ्टिंग में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय

सुधीर राष्ट्रमंडल खेलों की पैरा पावरलिफ्टिंग स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी है। उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में 212 किग्रा वजन उठाकर रिकॉर्ड 134.5 अंकों के साथ स्वर्ण पदक जीता। वह हालांकि अपने अंतिम प्रयास में 217 किग्रा वजन उठाने में नाकाम रहे। नाइजीरिया के इकेचुकवु क्रिस्टियन उबिचुकवु (133.6 अंक) रजत और स्कॉटलैंड के मिकी यूले (130.9 अंक) कांस्य पदक जीता। क्रिस्टियन ने 197 किग्रा जबकि यूले ने 192 किग्रा वजन उठाया।

इससे पहले दिन में मनप्रीत कौर और सकीना खातून महिला लाइटवेट फाइनल में क्रमश: चौथे और पांचवें स्थान पर रहते हुए पदक से चूक गईं जबकि पुरुष लाइटवेट फाइनल में परमजीत कुमार तीनों प्रयासों में विफल रहने के बाद अंतिम स्थान पर रहे।

पावरलिफ्टिंग में भार उठाने पर शरीर के वजन और तकनीक के अनुसार अंक मिलते हैं। समान वजन उठाने पर शारीरिक रूप से कम वजन वाले खिलाड़ी को दूसरे की तुलना में अधिक अंक मिलेंगे।

मुरली श्रीशंकर ने भी पदक जीतकर रचा इतिहास

उधर ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धाओं में मुरली श्रीशंकर भी लंबी कूद में पदक दिलाने वाले भारत के पहले एथलीट बने। हालांकि इस स्पर्धा में देश के दूसरे एथलीट मोहम्मद अनीस याहिया पांचवें स्थान पर पिछड़ गए।

इस वजह से स्वर्ण नहीं पा सके श्रीशंकर

स्वर्ण पदक के प्रबल दावेदार श्रीशंकर ने अपने पांचवें प्रयास में 8.08 मीटर की दूरी के साथ रजत पदक अपने नाम किया। स्वर्ण पदक जीतने वाले बहामास के लेकुआन नेर्न ने भी अपनी दूसरी कोशिश में 8.08 मीटर का ही सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया। लेकुआन का दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रयास हालांकि 7.98 मीटर का रहा, जो श्रीशंकर के 7.84 मीटर के दूसरे सर्वश्रेष्ठ प्रयास से बेहतर रहा, जिसके कारण उन्हें विजेता घोषित किया गया।

लेकुआन ने साथ ही अपने दूसरे प्रयास में यह दूरी हासिल की और उन्हें हवा से कम सहायता मिली। श्रीशंकर के प्रयास के समय हवा की गति प्लस 1.5 मीटर प्रति सेकेंड जबकि नेर्न के प्रयास के समय माइनस 0.1 मीटर प्रति सेकेंड थी। दक्षिण अफ्रीका के योवान वान वुरेन ने 8.06 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया।

श्रीशंकर और याहिया अपने सर्वश्रेष्ठ निजी प्रदर्शन से काफी पीछे रहे

हालांकि श्रीशंकर और याहिया दोनों क्रमश: 8.36 मीटर और 8.15 मीटर के अपने निजी और सत्र के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से काफी पीछे रहे। अगर ये दोनों अपने निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बराबरी करते तो भारत को स्वर्ण और रजत पदक मिल सकते थे। श्रीशंकर क्वालीफाइंग दौर में एकमात्र खिलाड़ी थे जिन्होंने 8.05 मीटर के साथ आठ मीटर का स्वत: क्वालीफाइंग स्तर हासिल किया था।

पीएम मोदी ने सुधीर और श्रीशंकर को बधाई दी

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वर्ण पदक विजेता पैरा पावरलिफ्टर सुधीर और लंबी कूद में रजत पदक जीतन वाले  मुरली श्रीशंकर को बधाई दी और उनके प्रदर्शन में निरंतरता की सराहना की।

पीएम मोदी सुधीर की प्रशंसा करते हुए ट्वीट किया, ‘सुधीर द्वारा राष्ट्रमंडल खेल 2022 के पैरा खेलों में शानदार शुरुआत। उन्होंने प्रतिष्ठित स्वर्ण पदक जीता तथा फिर से अपना समर्पण और प्रतिबद्धता दिखाई। वह निरंतर अच्छा प्रदर्शन करते रहे हैं। बधाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएं।’

प्रधानमंत्री ने श्रीशंकर की तारीफ में लिखा, ‘एम श्रीशंकर का राष्ट्रमंडल खेलों में जीता गया रजत पदक विशेष है। भारत ने दशकों बाद राष्ट्रमंडल खेलों में पुरुषों की लंबी कूद में पदक जीता। उनका प्रदर्शन भारतीय एथलेटिक्स के भविष्य के लिए अच्छा है। उनको बधाई। उम्मीद है कि वह भविष्य में भी ऐसा प्रदर्शन जारी रखेंगे।’

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