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‘अजमेर शरीफ दरगाह पर न चढ़ाई जाए पीएम मोदी की चादर’ – हिन्दू सेना ने याचिका दायर कर कोर्ट से की मांग

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अजमेर, 3 जनवरी। हिन्दू सेना ने अजमेर की एक अदालत में याचिका दायर कर मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भेजी गई चादर अभी अजमेर शरीफ दरगाह पर नहीं चढ़ाई जाए। उल्लेखनीय है कि हिन्दू सेना ने इससे पहले कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया था कि अजमेर शरीफ दरगाह शिव मंदिर की जगह पर बनाई गई है।

उल्लेखनीय है कि अजमेर शरीफ दरगाह में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स की बुधवार से शुरुआत हो गई। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी की ओर से दरगाह पर चादर चढ़ाने के लिए भेजी गई है। इसे शनिवार को चढ़ाया जाना है। इस बीच हिन्दू सेना ने अदालत में एक याचिका दायर कर इस पर रोक लगाने की मांग की है।

दरगाह पर शनिवार को चढ़ाई जानी है पीएम मोदी की ओर से भेजी गई चादर

हिन्दू सेना की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि इस प्रकरण में 24 जनवरी को सुनवाई होनी है। इसमें केंद्र सरकार भी एक पक्ष है। कल यानी 4 जनवरी को भारत सरकार के प्रधानमंत्री की ओर से भेजी गई चादर विवादित ढांचे पर चढ़ाई जानी है। बतौर प्रतिवादी केंद्र सरकार द्वारा विचाराधीन मुकदमे के होते हुए इस तरह विवादित ढांचे को चादर भेजकर दरगाह की पुष्टि करना सीधा-सीधा न्यायिक स्वतंत्रता और निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार को बाधित कर रहा है। हिन्दू सेना की इस याचिका पर अजमेर के सिविल जज मनमोहन चंदेल की अदालत में शनिवार को पूर्वाह्न 10 बजे सुनवाई होगी।

याचिका में यह भी कहा गया है कि यह विचाराधीन विवादित ढांचे को किसी भी तरह की राजनीतिक वैधानिकता केंद्र सरकार द्वारा चादर भेजकर देने से न्यायालय की प्रक्रिया न केवल बाधित होगी बल्कि न्यायालय की स्वतंत्रता भी दूषित होगी। इससे संपूर्ण वाद निराधार हो जाएगा। बैलेंस ऑफ कन्वेनिएंस वादी के पक्ष में है। प्राइमा फैसी केस न्यायालय के सामने स्पष्ट है। ऐसे में चादर चढ़ाने के खिलाफ आदेश पारित न होने की परिस्थिति में अपूरणीय क्षति वादी और वाद को हो जाएगी।

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