मुंबई, 17 जून। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि मुंबई में शिवसेना भवन एक राजनीतिक दल का मुख्यालय ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र की पहचान का प्रतीक है और किसी को भी इसकी ओर कुदृष्टि डालने का दुस्साहस नहीं करना चाहिए।
गौरतलब है कि अयोध्या में भूमि सौदा विवाद के बारे में शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में कथित अपमानजनक टिप्पणियों के खिलाफ स्थानीय भाजपा की युवा इकाई ने बुधवार को विरोध मार्च निकाला था।
शिवसेना के विधायक सदा सरवणकर के अनुसार उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को सूचना मिली थी कि भाजपा के कार्यकर्ता शिवसेना भवन में तोड़फोड़ करने आ रहे हैं। उसका नतीजा यह हुआ कि मध्य मुंबई के दादर इलाके में स्थित शिवसेना भवन के बाहर भाजपा और शिवसेना कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई थी।
संजय राउत ने उक्त घटना के बारे में गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि शिवसेना भवन मराठी और महाराष्ट्र का प्रतीक है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि अगर कोई परिसर पर हमले का प्रयास करेगा तो क्या मराठी मानुष और शिवसैनिक चुप रहेंगे?
देश में स्पष्टीकरण मांगना क्या गुनाह हो गया है
राउत ने पूछा, ‘भाजपा इतने तैश में क्यों आ गई? संपादकीय में आखिर ऐसा क्या कहा था? इसमें तो आरोपों पर सिर्फ स्पष्टीकरण मांगा गया था और कहा गया था कि आरोप गलत निकलते हैं तो आरोप लगाने वालों को दंडित किया जाना चाहिए। इस देश में स्पष्टीकरण मांगना क्या गुनाह हो गया है? संपादकीय में कहीं भी यह नहीं कहा गया कि इसमें भाजपा शामिल है। क्या आप पढ़े लिखे नहीं हैं?’
राउत ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास एक स्वायत्त संस्था है। इसमें भाजपा की क्या भूमिका है? उन्होंने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा, “हमारी तरफ से यह मामला खत्म हो गया। कल उन्हें ‘शिव प्रसाद’ मिल गया। अब वे स्थिति को इस स्तर पर न लाएं कि हमें उन्हें ‘शिव भोजन थाली’ देनी पड़े।”