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सपा सांसद आजम खान की हालत में सुधार, कोरोना रिपोर्ट निगेटिव, आईसीयू से जल्द हो सकते हैं शिफ्ट

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लखनऊ, 31 मई। लगभग एक माह से कोरोना संक्रमण से जूझ रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान की हालत में सुधार देखने को मिल रहा है। इस बीच सोमवार को उनकी कोरोना रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है। मेदांता अस्पताल की चिकित्सा बुलेटिन के अनुसार आजम खान को अब भी ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है, लेकिन उन्हें गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) से शिफ्ट करने का विचार किया जा रहा है।

गौरतलब है कि जमीन हड़पने सहित कई मामलों में पिछले सवा साल से रामपुर जिला कारागार में बंद स्थानीय सांसद आजम खान की तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर जेल से गत नौ मई की शाम को लखनऊ मेदांता शिफ्ट कर दिया गया था। उनके साथ कोरोना पीड़ित उनके पुत्र अब्दुल्ला आजम भी भर्ती हैं। हालांकि अब्दुल्ला की कोरोना रिपोर्ट पहले ही निगेटिव आ गई थी और अब उनकी हालत स्थिर है।

मेदांता अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. राकेश कपूर ने बताया कि आजम खान के फेफड़े में वायरस का असर हो गया था। ऐसे में फेफड़े में फाइब्रोसिस और कैविटी हो गई थी, जिसकी वजह से गुर्दे में दिक्कत बढ़ गई थी। लेकिन अब उनकी स्थिति नियंत्रण में है। इधर बीच उनके ऑक्सीजन लेवल में सुधार हुआ है और वह फिर से तीन से पांच लीटर ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं।

डॉ. कपूर ने बताया, ‘आजम खान की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है। हालांकि पैथोलॉजिकल रिपोर्ट में पैरामीटर गड़बड़ हैं। प्लेटलेट्स काउंट कम हुए हैं और क्रिएटनिन बढ़ा हुआ है। अब उन्हें आईसीयू और नेफ्रोलॉजी के डॉक्टर देख रहे हैं। उनको कोविड के आईसीयू वार्ड से हटाने के लिए हम लोग विचार कर रहे हैं। लेकिन आईसीयू वार्ड से शिफ्टिंग के उपरांत भी उनको क्रिटिकल केयर और नेफ्रोलॉजी टीम की निगरानी में ही रखा जाएगा।’

गत 28 अप्रैल को कोरोना संक्रमित पाए गए थे पिता-पुत्र

ज्ञातव्य है आजम खान और उनके पुत्र रामपुर जेल में हुई जांच के दौरान गत 28 अप्रैल को कोरोना संक्रमित पाए गए थे जबकि हालत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें नौ मई को मेदांता लाया गया था। उसी रात आजम खान को पहले मॉडरेटर श्रेणी (गंभीर) के कोविड का असर हुआ था। ऐसे में उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।

आजम खान को आईसीयू में पहले चार लीटर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। इसके बाद उन्हें सीवियर इंफेक्शन (अति गंभीर) हुआ, तब 10 लीटर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। इस बीच स्थिति नियंत्रण में आई तो उन्हें आईसीयू से वार्ड में शिफ्ट किया गया और तब वह एक लीटर ऑक्सीजन पर आ गए थे। लेकिन दुबारा संक्रमण बढ़ने पर उन्हें फिर तीन से पांच लीटर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखना पड़ा।

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