नई दिल्ली, 28 मई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवाती तूफान ‘यास’ से ज्यादा प्रभावित ओडिशा और पश्चिम बंगाल के विभिन्न इलाकों का शुक्रवार को दौरा किया और दोनों ही राज्यों में इससे हुए नुकसान की समीक्षा की। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ तूफाग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सवेक्षण करने के बाद पीएम ने ओडिशा, पश्चिम बंगाल व झारखंड में तत्काल राहत गतिविधियों के लिए 1,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा शाम को जारी एक विज्ञप्ति में तूफान प्रभावित राज्यों को वित्तीय सहायता देने की बात कही गई है। विज्ञप्ति के अनुसार ओडिशा को तत्काल 500 करोड़ रुपये दिए जाएंगे जबकि पश्चिम बंगाल और झारखंड के लिए और 500 करोड़ रुपये की घोषणा की गई है, जिसे नुकसान के आधार पर जारी किया जाएगा।
पीएमओ की विज्ञप्ति में कहा गया है कि केंद्र सरकार एक अंतर मंत्रालयी टीम नियुक्त करेगी, जो तूफान से हुए नुकसान का आकलन करने के राज्यों का दौरा करेगी। उसकी रिपोर्ट के आधार पर आगे की सहायता दी जाएगी।
मृतकों के परिजनों को 2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि
प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह भी जानकारी दी कि प्रधानमंत्री ने चक्रवात में मारे गए लोगों के परिजनों को दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि और गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा भी की है।
गौरतलब है कि देश के पूर्वी तटों पर बुधवार को चक्रवाती तूफान ‘यास’ ने काफी तबाही मचाई थी और इसमें चार लोगों की मौत हुई थी। तूफान के मद्देनजर पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड में 21 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया था।
पीएम की समीक्षा बैठक में 30 मिनट देर से पहुंचीं ममता
पश्चिम मेदिनीपुर के कलाईकुंडा में हुई पीएम की समीक्षा बैठक में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़, ममता बनर्जी, केंद्रीय मंत्री और सांसद देवाश्री चौधरी व केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान शामिल हुए।
हालांकि विधानसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी की पहली पश्चिम बंगाल यात्रा के दौरान थोड़ी कड़ुवाहट भी दिखी, जब समीक्षा बैठक में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और मुख्य सचिव विलम्ब से पहुंचे। इस दौरान पीएम मोदी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ को लगभग आधा घंटा इंतजार करना पड़ा।
सूत्रों ने बताया कि ममता बनर्जी और उनके मुख्य सचिव उसी परिसर में उपस्थित रहने के बावजूद बैठक में देर से पहुंचे। बैठक में आने के बाद ममता ने चक्रवात के असर से जुड़े दस्तावेज सौंप दिए और यह कहते हुए जल्द ही बैठक से चली गईं कि उन्हें दूसरी बैठकों में हिस्सा लेना है। एक अधिकारी ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच यह बैठक लगभग 15 मिनट चली।
ममता ने मांगा 20 हजार करोड़ रुपये का पैकेज
रिपोर्ट के अनुसार ममता बनर्जी ने राज्य में चक्रवाती तूफान से हुए नुकसान पर पीएम मोदी को एक रिपोर्ट सौंपी और सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की। ममता ने दावा किया कि चक्रवाती तूफान से राज्य को 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। दीघा में आयोजित एक प्रशासनिक बैठक के बाद ममता ने कहा, ‘हमने दीघा और सुंदरबन के पुनर्विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग की है। यह भी हो सकता है कि हमें कुछ न मिले।’
बैठक में शुभेंदु के बुलाने की सूचना से नाराज थीं ममता
दरअसल, ममता इस सूचना से नाराज बताई जा रही थीं कि पीएम की समीक्षा बैठक में राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी को भी बुलाया जा सकता है। इसकी भनक लगते ही ममता ने पीएमओ के सामने अपनी आपत्ति दर्ज करा दी थी। उनका कहना था कि यदि शुभेंदु अधिकारी हिस्सा लेंगे तो वह उस बैठक में शामिल नहीं होंगी।
गौरतलब है कि कभी ममता के काफी करीबी नेताओं में शुमार रहे राज्य के पूर्व मंत्री शुभेंदु विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। दिलचस्प तो यह रहा कि उन्होंने नंदीग्राम सीट पर ममता को नाटकीय अंदाज में हरा भी दिया। अब उन्हें विधानसभा में नेता विपक्ष बना दिया गया है।