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हिमाचल प्रदेश : सुक्खू सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिया इस्तीफा, बोले – ‘मुझे नजरअंदाज किया जा रहा था’

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शिमला, 28 फरवरी। हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की इकलौती सीट गंवाने के बाद किरकिरी झेल रही सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को एक और बड़ा झटका लगा, जब पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह ने खुद की अनदेखी का आरोप लगाते हुए बुधवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

‘एक मंत्री के तौर पर मुझे अपमानित करने का काम किया गया

विक्रमादित्य सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मुझे एक मंत्री के तौर पर अपमानित करने का काम किया गया है। जिस तरह के संदेश विभाग में भेजे जाते हैं, वो कहीं न कहीं मुझे कमजोर करने की कोशिश की गई।’

विधायकों की अनदेखी की जा रही, पार्टी नेतृत्व कोई कदम नहीं उठा रहा

उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि वह किसी भी दबाव में नहीं आने वाले हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के मौजूदा विधायकों की कहीं न कहीं अनदेखी हुई है, विधायकों की आवाज दबाने की कोशिश की गई है, जिसके कारण वे आज इस कगार पर आ खड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि लगातार इन विषयों को पार्टी नेतृत्व के समक्ष भी उठाया गया है, लेकिन उसका जिस तरह से सरोकार लेना चाहिए था, वो नहीं लिया गया।

‘अब गेंद पार्टी हाईकमान के पाले में, उन्हें फैसला लेना है

विक्रमादित्य सिंह ने कहा, ‘जो वास्तविक परिस्थितियां हैं, उसके बारे में मैंने पार्टी हाईकमान को अवगत कराया है। अब गेंद उनके पाले में है। अब उन्हें फैसला लेना है कि उनका कदम क्या होगा। आने वाले समय में जो भी होगा, वह पार्टी हाईकमान के साथ विचार-विमर्श करके किया जाएगा। मुझे पूरा विश्वास है कि जो भी फैसला लिया जाएगा, वह संगठन, पार्टी और इस राज्य के लोगों के व्यापक हित में लिया जाएगा।’

इस बीच मंगलवार को राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस के जिन छह विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी, वे भी पंचकुला से शिमला के लिए रवाना हो गए हैं। सूत्रों की मानें तो ऐसे समय में बड़े उलटफेर की संभावना जताई जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता जयराम ठाकुर पहले ही दावा कर चुके हैं कि राज्यसभा चुनाव के बाद सुक्खू सरकार अल्पमत में आ चुकी है।