मैंगलोर, 27 मई। मौजूदा यूनिफॉर्म नियम में संशोधन करते हुए मंगलौर यूनिवर्सिटी ने परिसर में और कक्षाओं के भीतर हेडस्कार्फ पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया। यूनिवर्सिटी के इस फैसले का चौतरफा विरोध हो रहा है। हेडस्कार्फ पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के मंगलौर यूनिवर्सिटी सिंडिकेट के निर्णय को छात्रों और संकाय सदस्यों दोनों के प्रतिरोध और आलोचना का सामना करना पड़ा है। नया नियम यूनिवर्सिटी के छह संबद्ध कॉलेजों पर लागू होता है, जिसमें यहां यूनिवर्सिटी कॉलेज भी शामिल है।
- ‘यूनिफॉर्म की शॉल से सिर ढकने की थी इजाजत’
इससे पहले, यूनिवर्सिटी कॉलेज में मुस्लिम लड़कियों को यूनिफॉर्म की शॉल से अपना सिर ढकने की इजाजत थी। लेकिन अब इसे भी खत्म कर दिया गया है। 16 मई को बेंगलुरु में सिंडिकेट की बैठक के बाद इस नियम को खत्म कर दिया गया था।
जिसके बाद छह कॉलेजों को 17 मई से नए नियम को लागू करने का निर्देश दिया गया था। यूनिवर्सिटी कॉलेज के प्रिंसिपल अनसूया राय ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि उन्होंने मुस्लिम लड़कियों को सिंडिकेट के फैसले का पालन करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा, “हमारे कॉलेज की 44 मुस्लिम छात्राओं में से केवल 10 छात्रा नियमित रूप से कक्षा में भाग ले रही हैं। हमने कैंपस लौटने के लिए उनके साथ कई दौर की बातचीत की है।”
मुस्लिम लड़कियों ने कहा कि संशोधित नियम पीयू और निचली कक्षाओं तक ही सीमित है, न कि डिग्री या स्नातकोत्तर अध्ययन के लिए। उन्होंने तर्क दिया कि नियम को एक शैक्षणिक वर्ष के मध्य में लागू नहीं किया जा सकता है जो यथास्थिति को बिगाड़ता है।
- हिजाब पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग को लेकर छात्रों का प्रदर्शन
कुछ मुस्लिम लड़कियों द्वारा नए नियम का पालन नहीं करने से नाराज, एबीवीपी द्वारा समर्थित यूनिवर्सिटी कॉलेज के छात्र संघ ने गुरुवार को कैंपस में हिजाब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। विश्वविद्यालय के कुलपति पीएस यदापदिथया ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा करने और निर्णय पर पहुंचने के लिए शुक्रवार को यूनिवर्सिटी कॉलेज प्रबंधन की एक आपात बैठक बुलाई गई है।