बेंगलुरु, 22 दिसम्बर। कर्नाटक में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के फैसले को पलटते हुए हिजाब प्रतिबंध वापस ले लिया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी।
सिद्धारमैया ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दे दिया गया है। उन्होंने कन्नड़ में ट्वीट किया, ‘मैंने (अधिकारियों से) हिजाब प्रतिबंध वापस लेने के लिए कहा है।’ उन्होंने भाजपा पर ‘लोगों को बांटने और कपड़े, पहनावे, जाति के आधार पर समाज को बांटने’ का भी आरोप लगाया। यह प्रतिबंध सबसे पहले 2022 में राज्य की भाजपा सरकार ने लगाया था।
ಪ್ರಧಾನಿ @narendramodi ಅವರ ಸಬ್ ಕಾ ಸಾಥ್-ಸಬ್ ಕಾ ವಿಕಾಸ್ ಎನ್ನುವುದು ಬೋಗಸ್. ಬಟ್ಟೆ, ಉಡುಪು, ಜಾತಿ, ಆಧಾರದ ಮೇಲೆ ಜನರನ್ನು ವಿಭಜಿಸುವ, ಸಮಾಜವನ್ನು ಒಡೆಯುವ ಕೆಲಸವನ್ನು @BJP4India ಮಾಡುತ್ತಿದೆ. ಹಿಜಾಬ್ ನಿಷೇಧವನ್ನು ವಾಪಾಸ್ ಪಡೆಯಲು ತಿಳಿಸಿದ್ದೇನೆ.#Hijab pic.twitter.com/EIHU5V7zas
— Siddaramaiah (@siddaramaiah) December 22, 2023
हाल ही में एक कार्यक्रम में सिद्धारमैया ने कहा था, ‘हम उस फैसले को वापस लेंगे, अब हिजाब पर कोई प्रतिबंध नहीं है। महिलाएं हिजाब पहनकर बाहर निकल सकती हैं। मैंने अधिकारियों से आदेश (पिछली सरकार का आदेश) वापस लेने के लिए कहा है।’
सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि जिस तरह की पोशाक पहनना चाहते हैं, वह पहनना उनकी व्यक्तिगत पसंद है। उनके हवाले से कहा गया, ‘कपड़े पहनना और खाना हमारी पसंद है, मुझे आपत्ति क्यों होनी चाहिए? आप जो चाहें पहनें, जो चाहें खाएं, मुझे इसकी परवाह क्यों करनी चाहिए। हमें वोट पाने के लिए राजनीति नहीं करनी चाहिए, हम ऐसा नहीं करते हैं।’
जनवरी, 2022 में शुरू हुआ था हिजाब विवाद
हिजाब विवाद पहली बार जनवरी, 2022 में शुरू हुआ था, जब कर्नाटक के उडुपी में एक प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज के कुछ छात्रों को हिजाब पहनकर कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई। बाद में फरवरी, 2022 में कर्नाटक सरकार ने कक्षाओं में हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके चलते कर्नाटक में विभिन्न स्थानों पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। उडुपी जिले के कॉलेज में दो समुदायों के छात्रों के बीच झड़प हो गई। विरोध प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद सार्वजनिक समारोहों को प्रतिबंधित करने के लिए शिवमोगा में धारा 144 लागू कर दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा हिजाब प्रतिबंध का मामला
- 10 फरवरी, 2022 को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक अंतरिम आदेश पारित करते हुए कहा कि राज्य में कॉलेज फिर से खुल सकते हैं, लेकिन छात्रों को मामला लंबित रहने तक धार्मिक कपड़े पहनने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इसके बाद, अंतरिम आदेश में उच्च न्यायालय के निर्देशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिकाएं दायर की गईं।
- 15 मार्च, 2022 को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि हिजाब आवश्यक इस्लामी धार्मिक अभ्यास का हिस्सा नहीं है और शैक्षणिक संस्थानों में हेडस्कार्फ पहनने पर राज्य सरकार के प्रतिबंध को बरकरार रखा। फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई।
- 13 अक्टूबर, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने हिजाब प्रतिबंध पर खंडित फैसला सुनाया। इसने एक बड़ी पीठ के गठन के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के समक्ष कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील करने का निर्देश दिया।